Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Sep, 2017 04:13 AM
सेंट जोसफ स्कूल की पार्किंग से 2 युवकों ने छठी कक्षा के एक छात्र का अपहरण कर लिया और उसे अपनी गाड़ी में....
बठिंडा(विजय): सेंट जोसफ स्कूल की पार्किंग से 2 युवकों ने छठी कक्षा के एक छात्र का अपहरण कर लिया और उसे अपनी गाड़ी में बैठाकर ले गए। इसके तुरंत बाद फोन कर छात्र के अभिभावकों से 50 लाख की फिरौती मांगी। अभिभावकों ने फिरौती देने की बजाय पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन ट्रेस कर उन्हें काबू कर बच्चे को बचा लिया।
पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए आई.जी. जोनल व एस.एस.पी. बठिंडा नवीन सिंगला ने बताया कि 11 बजे जैसे ही स्कूल से छुट्टी हुई तो आरोपियों ने छठी कक्षा के छात्र सोमिल अरोड़ा का अपहरण कर लिया। अपहरणकत्र्ता सेंट कबीर स्कूल में आर्ट एंड क्राफ्ट का अध्यापक रह चुका है जबकि बच्चे के अभिभावक ही इस स्कूल को चला रहे हैं। डी.ए.वी. कालेज बठिंडा में प्रिंसीपल रह चुके प्रो. एम.एल. अरोड़ा संत कबीर स्कूल को गत 17 वर्ष से चला रहे हैं। सोमिल उन्हीं का पोता है, अपहरणकत्र्ता बच्चे को पहचानता था और उसने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया।
आई.जी. ने बताया कि अपहरणकत्र्ता जयदेव पुत्र सतनाम निवासी परसराम नगर व उसका साथी बलजीत कुमार पुत्र मनीराम निवासी सिरसा ने मिलकर फिरौती के लिए छात्र का अपहरण किया। 8 माह पहले प्रो. अरोड़ा ने आरोपी को स्कूल से निकाल दिया था तभी से वह बच्चे के अपहरण की योजना बना रहा था। एस.एस.पी. नवीन सिंगला ने बताया कि प्रो. एम.एल. अरोड़ा ने जैसे ही घटना की सूचना दी व फिरौती के लिए प्रयोग किए गए मोबाइल का नंबर दिया तो उन्होंने तुरंत फोन को ट्रैकिंग पर लगा दिया जिससे गाड़ी में भागे अपहरणकत्र्ताओं की लोकेशन का पता चला और वह डब्बाली रोड पर निकल गए। उन्होंने बताया कि नियंत्रण कक्ष से पूरे जिले को सचेत कर दिया और रामा मंडी के एस.एच.ओ. को नाकाबंदी के आदेश दिए।
थाना संगत के थानेदार बुध सिंह किसी मामले में उधर से आ रहे थे तो उन्होंने जब बच्चे के चिल्लाने की आवाज सुनी तो वह कार के पीछे दौड़े और शीशा खोलने का प्रयास किया लेकिन उनका हाथ शीशे में फंस गया लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उनके साथ 2 पुलिस कर्मी थे जिन्हें मामूली चोटें आईं। नाके से पहले ही आरोपी आगे निकल गए तो कुटी गांव में जाकर आरोपियों की कार नाले में धंस गई, पीछे से पुलिस ने उन्हें घेर लिया। आरोपी 12 बोर की पिस्टल से फायर करते हुए छात्र को ले भागे।
खेतों में काम कर रहे लोगों ने जब बच्चे के चिल्लाने की आवाजें सुनी तो उन्होंने आरोपी को दबोच लिया और उनमें से एक भाग गया और एक को पुलिस के हवाले कर दिया। छात्र के मिलने से पुलिस व छात्र के पिता डा. दीपक अरोड़ा ने चैन की सांस ली। आई.जी. ने कहा कि इस सारे घटनाक्रम का श्रेय प्रो. अरोड़ा को जाता है जिन्होंने फिरौती देने की बजाय पुलिस को सूचना देकर अपराधियों को गिरफ्तार करवाया व बच्चे को बचाया।