Edited By Vatika,Updated: 31 Jul, 2019 02:18 PM
भारत के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने प्रतिष्ठित 'खेल रत्न' पुरस्कार के लिए नाम खारिज होने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
जालंधर: भारत के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने प्रतिष्ठित 'खेल रत्न' पुरस्कार के लिए नाम खारिज होने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैंने 20 मार्च तक सारी औपचारिकताएं पूरी कर दी थी। इसमे मेरा क्या कसूर है, अगर राज्य सरकार ने समय सीमा खत्म होने के बाद मेरा आवेदन सरकार को भेजा।
बताया जाता है कि केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भज्जी के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के नामांकन को खारिज कर दिया था क्योंकि इसे समय सीमा खत्म होने के बाद भेजा गया था। भज्जी ने पंजाब सरकार (खेल मंत्रालय) से अनुरोध किया है कि राजीव गांधी 'खेल रत्न पुरस्कार' के लिए उनके नामांकन में हुई देरी की जांच की जाएं। हरभजन सिंह ने पंजाब सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी पर समय पर नामांकन न भेजने के आरोप लगाए हैं। भज्जी ने कहा कि मुझे मीडिया से मालूम हुआ है कि खेल रत्न अवार्ड के लिए मेरा नामांकन केंद्र सरकार ने इसलिए रद्द कर दिया है क्य़ोंकि यह बहुत देरी से पहुंचा। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलना किसी भी खिलाड़ी के लिए उत्साह की बात होती है।
बता दें कि हरभजन सिंह ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी-20 खेले। उन्होंने टेस्ट में 2224 रन बनाए और 417 विकेट भी लिए। वनडे में उन्होंने 1237 रन बनाए और 269 विकेट लिए। टी-20 में उन्होंने 21 विकेट अपने नाम किए हैं। हरभजन ने आखिरी इंटरनेशनल मैच 2016 में खेला था।