लोकसभा हलका खडूर साहिब: पंथक सीट पर क्या रहेगा इस बार मतदाता का रुख

Edited By Vatika,Updated: 04 May, 2019 10:07 AM

khadoor sahib

लोकसभा हलका खडूर साहिब जिसको अकाली दल के गढ़ के तौर पर जाना जाता है, में 4 प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। इस पंथक सीट पर पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में से किसकी जीत और किसकी...

तरनतारन( रमन):  लोकसभा हलका खडूर साहिब जिसको अकाली दल के गढ़ के तौर पर जाना जाता है, में 4 प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। इस पंथक सीट पर पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में से किसकी जीत और किसकी जमानत जब्त होगी, यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे। इस हलके में कांग्रेस, अकाली दल और पी.डी.ए. में त्रिकोणीय मुकाबले के समीकरण बनते नजर आ रहे हैं।  

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कांग्रेसी प्रत्याशी जसबीर सिंह डिंपा 
लोकसभा हलके में पहली बार चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक जसबीर सिंह ङ्क्षडपा अकाली दल का किला कहे जाते इस गढ़ को नेस्तनाबूद करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।

ख़ामियां 

  •  कांग्रेस सरकार द्वारा चुनाव वायदे पूरे न करने संबंधी भारी रोष।
  •  पंचायती चुनाव में पुराने सरपंचों-पंचों की जगह नए को मौका देना।
  • हलके में कांग्रेस सरकार की तरफ से कोई इंडस्ट्री आदि न लगाना।
  •  प्रशासन को अपना काम न करने देना।

पक्ष में - 

  • लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेसी विधायकों के चुनाव प्रचार में वृद्धि होना।
  • धार्मिक बेअदबी मामलों में दोषियों के खिलाफ सही जांच करवाना।
  • लोकसभा हलका अधीन आते रईया के निवासी होना।
  • पूर्व विधायक होने के साथ लंबे समय से कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े रहना। 

लोकसभा हलके के अहम मुद्दे 

  • नशे पर रोक न लगना,सीमांत क्षेत्र में बेरोजगारों के लिए कोई विशेष प्रोजैक्ट न लगना 
  • जिला तरनतारन में मैडीकल कालेज की कमी
  • ब्यास से तरनतारन चलने वाली रेलगाड़ी की समय सारिणी को बदलना
  • बेरोजगारी बढऩा 
  • शूगर मिल का कई वर्षों से बंद रहना 
  • ब्यास दरिया के साथ लगते क्षेत्र में बांध लगाना 
  • कपूरथला से ब्यास दरिया पर पुल बनाना 
  • जिला स्तरीय अस्पतालों में स्टाफ और ट्रोमा सैंटर की कमी।

लोकसभा हलके में काबिज हैं कांग्रेसी विधायक 
शिरोमणि अकाली दल के गढ़ माने जाते लोकसभा हलका खडूर साहिब में 4 जिले अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, फिरोजपुर शामिल हैं जिनमें 9 विधानसभा हलके शामिल हैं। इन विधानसभा हलकों जिनमें जंडियाला गुरु से विधायक सुखविन्द्र डैनी, बाबा बकाला से संतोख सिंह भलाईपुर, सुलतानपुर लोधी से नवतेज सिंह चीमा, कपूरथला से राणा गुरजीत, जीरा से इन्द्रजीत सिंह जीरा, तरनतारन से डा. धर्मबीर अग्निहोत्री, खेमकरण से सुखपाल सिंह भुल्लर, खडूर साहिब से रमनजीत सिंह सिक्की, पट्टी से हरमिन्दर सिंह गिल (सभी कांग्रेसी विधायक) शामिल हैं। वर्णनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर शिरोमणि अकाली दल के रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने कांग्रेस पार्टी के हरमिन्दर सिंह गिल को हराया था।

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अकाली दल-भाजपा की संयुक्त प्रत्याशी बीबी जागीर कौर

                   खामियां 

  • हलके से बाहरी प्रत्याशी होना
  •  धार्मिक बेअदबियों के कारण सिख संगठनों द्वारा विरोध।
  • बेअदबी मामले की जांच के लिए एस.आई.टी. प्रमुख का तबादला करवा देना।
  • नोटबंदी और जी.एस.टी. का मोदी सरकार की तरफ से लागू करना।
  • सांसद रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा द्वारा अकाली दल बादल के विरुद्ध बगावत करना।

पक्ष की बातें -

  • हलका पंथक होने का लाभ मिलना।
  • लंबे समय से अकाली दल बादल और एस.जी.पी.सी. के साथ जुड़े रहना।
  • मोदी सरकार की तरफ से देश में किए गए भरपूर विकास को मुख्य रखना।
  • अकाली दल के बड़े नेताओं द्वारा छोटे नेताओं को एक कर चुनाव प्रचार तेज करना।

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पंजाब एकता पार्टी और पी.डी.ए. की प्रत्याशी परमजीत कौर खालड़ा
खामियां 

  • पहली बार राजनीति में पैर रखना।
  •  श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को चुनाव मैनीफैस्टो बताना।
  • नई पार्टी की तरफ से चुनाव लडऩा।
  • हलके से बाहरी प्रत्याशी होना।

    पक्ष की बातें 
  • मानवाधिकारों की लड़ाई लडऩे के लिए जमीन के साथ जुड़े होना।
  • पंथक वोट का लाभ और विदेशों से समर्थन मिलना।
  • पंजाब डैमोक्रेटिक अलायंस द्वारा पार्टियों का इकट्ठा होना।
  • 4 सांसद रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा द्वारा अकाली दल का विरोध करने के साथ वोट बैंक का लाभ मिलना। 

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‘आप’ प्रत्याशी मनजिन्दर सिंह सिद्धू
खामियां 

  • हलके में पहली बार चुनाव लडऩा।
  • पंजाब में आम आदमी पार्टी को विधायक और सीनियर सदस्यों की तरफ से अलविदा कहना।
  • हलके में चुनाव प्रचार ’यादा गर्म न होना।

पक्ष की बातें 

  • दिल्ली में केजरीवाल सरकार की तरफ से लोकहितों के लिए किए विकास कार्यों का लाभ मिलना।
  • सीधे-साधे बिना फालतू खर्च किए चुनाव लडऩा।
  •  लोगों के साथ दिल्ली की तर्ज पर विकास के वायदे करना।
  • 4 यूथ वोटरों में भारी उत्साह होने के साथ समर्थन मिलना।
  • ब्रह्मपुरा द्वारा अकाली दल का विरोध करने के साथ वोट बैंक का लाभ मिलना। 

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