Edited By Updated: 01 May, 2017 08:07 AM
पिछले कई सालों से कपूरथला रोड (स्पोर्ट्स कालेज नहर की पुली से लेकर ड्रेन तक) की खस्ता हालत स्थिति किसी से छिपी नहीं। वर्षों तक लोग सीवरेज जाम और बरसाती पानी की समस्या झेलते रहे, निगम ने सीमैंट की सड़क भी बनाई परंतु वह भी टिक न पाई।
जालंधर(अश्विनी खुराना): पिछले कई सालों से कपूरथला रोड (स्पोर्ट्स कालेज नहर की पुली से लेकर ड्रेन तक) की खस्ता हालत स्थिति किसी से छिपी नहीं। वर्षों तक लोग सीवरेज जाम और बरसाती पानी की समस्या झेलते रहे, निगम ने सीमैंट की सड़क भी बनाई परंतु वह भी टिक न पाई। निगम ने बड़ा सीवर डालना शुरू किया जिसे सालों-साल लग गए। अब जब सड़क बनाने की बारी आई तो कपूरथला रोड प्रोजैक्ट लटकता ही जा रहा है। ऐसे लगता है जैसे यह प्रोजैक्ट अपनी देरी के चलते एक रिकार्ड बनाकर छोड़ेगा। गत विधानसभा चुनावों दौरान इस प्रोजैक्ट को लेकर अकाली-भाजपा गठबंधन को काफी नामोशी झेलनी पड़ी और विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे को खूब भुनाया। अब कांग्रेस के सत्ता में आ जाने से इस प्रोजैक्ट के पूरा होने की आस बंधी है परंतु फिर भी कई कारणों की वजह से यह प्रोजैक्ट लटकता जा रहा है।
सुखबीर और अमरेन्द्र कर चुके हैं हस्तक्षेप
इस प्रोजैक्ट के स्थान पर पहले सुखबीर बादल (तत्कालीन उपमुख्यमंत्री) ने एलिवेटिड रोड बनाने का उद्घाटन किया जिसे लोगों के विरोध के बाद ड्राप कर दिया गया। देरी के चलते जब कांग्रेस ने धरने दिए तो सुशील रिंकू के कहने पर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कपूरथला रोड पर आकर कांग्रेसियों के धरने में भाग लिया। इसके बावजूद इस प्रोजैक्ट के भाग्य अभी नहीं खुले।
कब्जे गिराए नहीं, सड़क छोटी रहने दी
जब प्रोजैक्ट बना तब यह सड़क निगम के अंतर्गत थी जो बाद में स्टेट हाईवे घोषित हुई। निगम ने 10 साल पहले सड़क पर हुए कब्जों की निशानदेही की व नोटिस जारी किए परंतु कब्जे तोडऩे की हिम्मत नहीं दिखा पाया जिसके चलते सड़क की चौड़ाई कम ही रहने दी गई। प्रोजैक्ट लम्बा न ङ्क्षखच जाए, निगम ने भूमि अधिग्रहण के चक्कर में पडऩे से भी गुरेज किया जिस कारण यह हाईवे अब बस्ती बावा खेल बाजार क्षेत्र में काफी तंग दिखेगा और यहां डिवाइडर भी नहीं बन पाएगा।
बिजली के खम्बे अभी भी बीच सड़क में
हैरानी की बात है कि यह सड़क स्टेट हाईवे घोषित हो चुकी है और प्रोजैक्ट शुरू हुए 3 साल बीत चुके हैं इसके बावजूद बिजली के दर्जनों खम्बे बीच सड़क पर स्थित हैं जिन्हें बदलने में अभी महीनों लगेंगे। चूंकि अब यह सड़क निगम के अधिकार क्षेत्र में नहीं रही इसलिए अब हाईवे अथारिटी तथा बिजली बोर्ड को तालमेल बिठाना होगा वर्ना इसी कारण प्रोजैक्ट और लेट होता जाएगा।
रेत-बजरी की कमी भी मुख्य कारण
इस प्रोजैक्ट के तहत सीवरेज का कार्य पूर्ण हो चुका है और अब हाईवे अथारिटी ने सड़क पर लुक-बजरी डालनी है। इन दिनों पंजाब में रेत-बजरी की भारी कमी चल रही है और दाम भी काफी बढ़ गए हैं जिस कारण सड़क निर्माण में देरी स्वाभाविक है।