Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Oct, 2017 09:58 AM
गुरुद्वारा छोटा घल्लुघारा काहनूंवाल में मर्यादा का उल्लंघन करने के आरोप में सरबत खालसा के समानांतर जत्थेदारों की ओर से गुरुद्वारा ट्रस्ट के प्रधान मास्टर जौहर सिंह को 12 अक्तूबर को 7 दिन के लिए श्री हरिमंदिर साहिब में सेवा करने की लगाई तनखाह पूरी...
अमृतसर(ममता): गुरुद्वारा छोटा घल्लुघारा काहनूंवाल में मर्यादा का उल्लंघन करने के आरोप में सरबत खालसा के समानांतर जत्थेदारों की ओर से गुरुद्वारा ट्रस्ट के प्रधान मास्टर जौहर सिंह को 12 अक्तूबर को 7 दिन के लिए श्री हरिमंदिर साहिब में सेवा करने की लगाई तनखाह पूरी करने से श्री हरिमंदिर साहिब के मैनेजर सुलक्खन सिंह ने रोक कर नया फरमान सुनाया कि वह पहले शिरोमणि कमेटी के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के पास पेश हो कर तनख्वाह लगवाएं तभी उसे हरिमंदिर साहिब के अंदर दाखिल होने दिया जाएगा। शायद शिरोमणि कमेटी के इतिहास में यह पहली घटना है जब किसी अमृतधारी सिख को हरिमंदिर साहिब के अंदर नतमस्तक होने और संगत के जूठे बर्तन साफ करने से रोका गया।
उल्लेखनीय है कि मास्टर जौहर सिंह आज बाद दोपहर अपने 3-4 साथियों के साथ तनख्वाह भुगतने के लिए जब गुरु रामदास के लंगर वाले गेट से श्री हरिमंदिर साहिब में दाखिल होने लगे तो उन्हें गेट से 20 मीटर दूर ही टास्क फोर्स ने रोक दिया, जब उसने इसका कारण पूछा तो मैनेजर ने संदेश भेजा कि पहले ज्ञानी गुरबचन सिंह के सामने पेश होकर तनख्वाह लगवाएं। उल्लेखनीय है कि मास्टर जौहर सिंह गत दिवस श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के सामने बार-बार बुलाने पर भी पेश नहीं हुए थे।
सेवा करने से नहीं रोका, अकाल तख्त के जत्थेदार से तनख्वाह लगा कर आने को कहा है जौहर सिंह को : मैनेजर सुलक्खन
मैनेजर सुलक्खन सिंह ने सम्पर्क करने पर कहा कि उन्होंने मास्टर जौहर सिंह को सेवा करने से नहीं रोका बल्कि यह कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार जिनकी मर्यादा अनुसार नियुक्ति हुई है, के समक्ष पेश हो कर वह तनख्वाह लगवा कर आएं। उन्होंने कहा कि चब्बे वाले स्वयंभू जत्थेदार हैं और उनकी नियुक्ति पंथक नियमों और मर्यादानुसार नहीं हुई जिस कारण उन्हें सिख पंथ की सिरमौर जत्थेबंदी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मान्यता नहीं देती। उन्होंने कहा कि मास्टर जौहर सिंह को उन्होंने बड़े प्यार से समझाया और वह अपनी मर्जी से ही वापस गए हैं, कोई जबरदस्ती नहीं की गई।
पंथक मसलों संबंधी कैप्टन से बैठक 20 को : दादूवाल
समानांतर जत्थेदार बाबा बलजीत सिंह दादूवाल के साथ बात की तो उन्होंने कहा कि आज कोटकपूरा में हुई सिंह साहिबान की बैठक में मास्टर जौहर सिंह को यह आदेश जारी कर दिया गया है कि अगर उसे हरिमंदिर साहिब के अंदर सेवा करने से रोका जाता है तो वह कल से घंटा घर वाली जगह की ओर बाहर गलियारे में बैठ कर कीर्तन श्रवण करें। उन्होंने कहा कि पंथक मसलों पर विचार और बेअदबी की बढ़ रही घटनाओं को लेकर विचार करने के लिए उनकी विशेष बैठक 20 अक्तूबर को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ होगी और उम्मीद है कि इस बैठक में अहम फैसले लिए जाएंगे और बेअदबियों पर रोक लगेगी।
सेवा से रोकना कोई बढिय़ा परंपरा नहीं : मास्टर जौहर सिंह
मास्टर जौहर सिंह ने पत्रकारों से बातचीत दौरान कहा कि उन्होंने सरबत खालसा द्वारा चुने गए तख्तों के जत्थेदारों के सामने पेश होकर 12 अक्तूबर को श्री हरिमंदिर साहिब में 7 दिन की तनख्वाह लगवाई है जिसमें एक घंटा बर्तन साफ करने, एक घंटा कीर्तन श्रवण करने और एक घंटा संगत के जोड़े झाडऩे की सेवा शामिल है परन्तु आज जब वह पहले दिन सेवा करने के लिए आए तो उन्हें मुख्य गेट से बाहर रोक लिया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें सेवा से रोकना कोई बढिय़ा परंपरा नहीं है। अब वह संबंधित राष्ट्रीय जत्थेदारों के ध्यान में मामला लाएंगे और उनके अगले आदेशानुसार सेवा करेंगे।