पुलिस की कोशिशों के बावजूद नहीं थम रहा नशे का कारोबार

Edited By Des raj,Updated: 29 Jul, 2018 04:37 PM

intoxicate business not being controlling

पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान नशा एक बड़ा मुद्दा रहा था। कांग्रेस पार्टी ने जहां इसे अपनी रैलियों व नुक्कड़-बैठकों में पूरी तरह भुनाया था, वहीं सरकार बनने पर इसे राज्य से खत्म करने के दावे किए थे पर पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद नशे का कारोबार नहीं...

अमृतसर (संजीव): पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान नशा एक बड़ा मुद्दा रहा था। कांग्रेस पार्टी ने जहां इसे अपनी रैलियों व नुक्कड़-बैठकों में पूरी तरह भुनाया था, वहीं सरकार बनने पर इसे राज्य से खत्म करने के दावे किए थे पर पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद नशे का कारोबार नहीं थम रहा। पंजाब में लोकसभा चुनाव-2014 के दौरान पंजाब की अकाली-भाजपा सरकार ने राज्य भर में नशा विरोधी अभियान छेड़ हजारों युवाओं को जेलों में भेजा था और अब पंजाब सरकार भी उसी तर्ज पर 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले नशा विरोधी अभियान छेड़े हुए है। हजारों की गिनती में नशा करने वाले नौजवान जेलों में भेजे जा रहे हैं। विडम्बना यह है कि न तो अकाली सरकार के दौरान कोई बड़ा स्मगलर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था और न ही कांग्रेस के इस अभियान में नशे की सप्लाई लाइन तोड़ी जा सकी है। इससे पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ रहा है वहीं व विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार के भी संकेत मिल रहे है। बेशक पुलिस नशा रोकने में भरसक प्रयास कर रही है मगर विभाग की ही कुछ काली भेड़ें इस अभियान के आड़े आई हुई हैं। 

जेलों में सुरक्षित बैठे हैं कुख्यात अपराधी
पंजाब की जेलों में कुख्यात अपराधी सुरक्षित बैठे हैं जो पुलिस द्वारा चलाई गई इसी मुहिम के इंतजार में रहते हैं। जब पुलिस बाहर से नशा करने वालों को जेलों में भेजती है तो अंदर बैठे ये अपराधी उनमें से चुन-चुन कर युवाओं को अपनी गैंग में शामिल करते है। जेल में बैठे गैंगस्टर अंदर आने वाली युवा पीढ़ी में से तेज तर्रार युवाओं को जहां अपने साथ जोड़ते हैं, वहीं जेल में बैठे कुख्यात तस्कर नशा करने वाले इन युवाओं को जमानत पर रिहा होने के बाद उन्हें बाहर नशा बेचने पर लगाते हैं। 

आज भी सड़कों पर गिरे मिलते हैं नशेड़ी
पंजाब पुलिस द्वारा छेड़े गए नशा विरोधी अभियान की सच्चाई को जानने का प्रयास किया गया तो शहर के बहुत से ऐसे क्षेत्र दिखाई दिए, जहां सुबह से ही जहरीली शराब के अतिरिक्त नशा बिकता हुआ दिखाई दिया और इसको पीने वाले आज भी अक्सर शाम को सड़कों पर गिरे हुए देखे गए।  

कहां-कहां बिकता है नशा
शहर के बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां सख्ती के बावजूद आज भी नशा बिक रहा है, जिनमें अन्नगढ़, गुजरपुरा, मकबूलपुरा, मुस्तफाबाद, मोहकमपुरा, ग्वालमंडी, फैजपुरा, तुंग पाई, 88 फुट रोड, सुल्तानविंड, कोट खालसा के अतिरिक्त शहर का कुछ अंदरून क्षेत्र भी हैं जहां नशे की सप्लाई धड़ल्ले से चल रही है।

रोजाना पकड़े जा रहे 2 दर्जन से अधिक नशेड़ी 
आपराधिक ग्राफ पर नजर दौड़ाएं तो जिला एवं देहाती पुलिस हर रोज 2 दर्जन से अधिक नशेडिय़ों को गिरफ्तार कर जेलों में भेज रही है। इनमें एक भी सप्लायर नहीं पकड़ा गया। नशे सहित गिरफ्तार किए जा रहे युवक कहां से नशा ले रहे हैं? कौन इन्हें सप्लाई कर रहा है? कहां से यह नशा मार्कीट में आ रहा है, यह दिखने वाले छोटे-छोटे सवाल पुलिस द्वारा छेड़े गए नशा विरोधी अभियान पर भारी पड़ रहे हैं। 

  • देहाती क्षेत्रों में चलाए गए नशा विरोधी अभियान के दौरान ड्रग पैडलरों को गिरफ्तार कर जेलों में भेजा जा रहा है जबकि पुलिस नशा करने वाले युवाओं को डी-एडिक्शन सैंटरों में भर्ती करवा रही है। देहाती पुलिस द्वारा नशा बेचने वाले तस्करों की लिस्टें तक बना ली गई हैं जिन पर जल्द ही कानूनी कार्रवाई होने जा रही है। - परमपाल सिंह, एस.एस.पी.
  • जिले के हर क्षेत्र में स्पैशल टीमें नशा तस्करों के विरुद्ध काम कर रही हैं। अगर किसी भी क्षेत्र में नशा बिकने की सूचना मिलती है तो तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाती है। नशा करने वाले हर नौजवान को हिरासत में लेकर उसके घर वालों के साथ बैठ पुलिस काउंसलिंग कर रही है और उसे नशामुक्ति केन्द्र में भर्ती करवाने में सहायता की जा रही है। - -एस.एस. श्रीवास्तव, पुलिस कमिश्नर
     

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