बढ़ रहे प्रदूषण से गर्मी व बीमारियों में बढ़ौतरी, दर्जनों पार्कों की सार-संभाल समाज सेवियों के हवाले

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jun, 2017 02:46 PM

increasing heat and diseases from rising pollution

भारत भर में प्रदूषण की समस्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है, जिसके कारण पंजाब सहित अन्य राज्यों के लोग भी भयानक बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। गर्मी बढऩे के कारण जहां इस वर्ष तापमान 49 डिग्री को पार कर गया है, वहीं प्रदूषण ने पानी को भी दूषित करके रख...

मोगा (पवन ग्रोवर): भारत भर में प्रदूषण की समस्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है, जिसके कारण पंजाब सहित अन्य राज्यों के लोग भी भयानक बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। गर्मी बढऩे के कारण जहां इस वर्ष तापमान 49 डिग्री को पार कर गया है, वहीं प्रदूषण ने पानी को भी दूषित करके रख दिया है। यू.एन.ओ. की विश्व स्वास्थ्य संस्था द्वारा हाल ही में दुनिया भर के प्रदूषित शहरों के किए गए सर्वे में 91 देशों के 1600 शहरों का अध्ययन किया गया है। मोगा शहर में एक दर्जन के करीब पार्क हैं, जिनकी सार-संभाल की ओर करोड़ों रुपए की आमदनी वाले नगर निगम का उचित ध्यान नहीं है। अगर कहीं पार्कों की सार-संभाल के लिए लोगों द्वारा मामला उठाया जाता है तो नगर निगम द्वारा इस संबंधी दावे तो किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत दावों से काफी दूर है। मोगा शहर के पार्कों के प्रबंधों की जिम्मेदारी समाज सेवी संस्थाओं से जुड़े नेता जरूर सही ढंग से निभा रहे हैं।

मोगा शहर के गोधेवाला स्टेडियम के साथ खाली पड़ी जगह को शहर की समाज सेवी संस्था ने 5 वर्ष पहले गोद लिया था तथा संस्था के संचालक गुरसेवक सिंह संन्यासी व साथियों ने इस पार्क के आसपास को साफ-सुथरा बनाते हुए इसमें बड़े स्तर पर पौधे भी लगाए।विश्वभर के प्रदूषित शहरों में पंजाब के 3 शहर शुमार हैरानी की बात है कि इससे पहले भी बेहद प्रदूषण वाले शहरों में से 13 हमारे भारत में हैं, जिनमें लुधियाना, खन्ना तथा अमृतसर पंजाब से संबंधित हैं। हैरानीजनक पहलू यह है कि पंजाब के इस मालवा क्षेत्र के प्रमुख केन्द्र के तहत जाने जाते मोगा जिले में जंगलों तले रकबा तो पहले ही नाममात्र है तथा अब जब जालंधर वाया मोगा होकर बरनाला तथा लुधियाना से वाया मोगा होकर तलवंडी भाई जा रहे नैशनल हाईवे मार्ग-71 व 95 को फोरलेन करने की प्रक्रिया चल रही है तो इसके आसपास लाखों वृक्षों पर ‘कुल्हाड़ी’ चलाई जा रही है। 2012 से काटने शुरू किए वृक्षों की जगह अभी तक नए वृक्ष लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो चुकी है तथा अगर कहीं फुटपाथ पर थोड़े-बहुत वृक्ष लगाने का प्रयास किया भी गया तो उनकी सार-संभाल को यकीनी बनाने की मांग वातावरण प्रेमियों द्वारा बड़े जोरदार ढंग से की जा रही है। 

शहीदी पार्क में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं
मोगा शहर का प्रमुख शहीदी पार्क काफी लोगों की जिंदगी का एक अंग बन चुका है, जहां पर सुबह व सायं लोग सैर करते हैं। पार्क में पानी की उचित निकासी न होने के कारण पानी पार्क में तालाब का रूप धारण कर लेता है, जो संबंधित विभाग की बेरुखी को बयान करता है।

शहीदी पार्क के फव्वारे बंद
शहीदी पार्क मोगा की सुंदरता के लिए लगाए गए फव्वारे पिछले काफी समय से बंद पड़े हैं। लोगों ने मांग की कि शहीदी पार्क के फुव्वारे को तुरंत चलाया जाए, ताकि पार्क की सुंदरता बरकरार रह सके।

क्या कहना है नगर निगम मेयर का
पार्कों की दिशा तथा फंडों संबंधी जब नगर निगम के मेयर से बार-बार संपर्क किया तो उनके द्वारा फोन न उठाने के चलते संपर्क नहीं हो सका तथा नगर निगम मोगा के कमिश्नर का पद खाली होने के कारण जानकारी नहीं मिल सकी।

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