Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 11:26 AM
आई.एस.आई. द्वारा फैलाए जाल में फंसे रमनदीप सिंह व हरदीप सिंह शेरा को हिन्दू नेताओं की हत्याओं के लिए हथियार उपलब्ध करवाने वाले गैंगस्टर धर्मेन्द्र गुगनी से पूछताछ में जुटी पुलिस ने अब उसके साथ जेल की बैरकों में बंद रहे नामी गैंगस्टरों को भी रिमांड...
लुधियाना(पंकज): आई.एस.आई. द्वारा फैलाए जाल में फंसे रमनदीप सिंह व हरदीप सिंह शेरा को हिन्दू नेताओं की हत्याओं के लिए हथियार उपलब्ध करवाने वाले गैंगस्टर धर्मेन्द्र गुगनी से पूछताछ में जुटी पुलिस ने अब उसके साथ जेल की बैरकों में बंद रहे नामी गैंगस्टरों को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारियां शुरू कर दी है। गुगनी ने जेल में रहते हुए दोनों हत्यारों को वारदातों में उपयोग हुए हथियार कैसे व किसके मार्फत उपलब्ध करवाए थे, इन सवालों का जवाब ढूंढने में जुटी पुलिस की टीमों ने जेलों से गैंगस्टरों को प्रोडक्शन वारंट पर लेना शुरू कर दिया है। पूरी प्रक्रिया को गोपनीय ढंग से शुरू कर चुकी अलग-अलग जिलों की पुलिस टीमें गुगनी किन-किन जेलों में बंद रहा है व उसके साथ बैरकों में कौन-कौन से गैंगस्टर थे, उनकी लिस्ट तैयार कर काम में जुट गई हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने लुधियाना जेल में भी नामी व कुख्यात गैंगस्टरों को प्रोडक्शन वारंट पर लाने की कानूनी प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है। इस कड़ी में पुलिस गैंगस्टर सुक्खा काहलवां हत्याकांड में संलिप्त मुख्य अभियुक्त सहित बरनाला से संबंधित नामी गैंगस्टर से भी पूछताछ करने जा रही है।
हत्यारों के अगले निशाने पर चुप्पी
जनवरी 2016 से पंजाब खासकर लुधियाना में वारदातों का सिलसिला शुरू करने वाले शार्पशूटर शेरा व रमन का अगला निशाना कौन था? आर.एस.एस. के कार्यकत्र्ता रविन्द्र गोसाईं की हत्या करने के बाद हत्यारों को बॉस ने क्या अगला टास्क दे दिया था या नहीं, इसको लेकर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। अगर उन्हें अगला टास्क मिल चुका था तो वह कौन है? इस सवाल का जवाब भी पर्दे के पीछे है। पंजाब में पुन: साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए तड़प रही आई.एस.आई. व विदेशों में बैठे पूर्व आतंकियों द्वारा जिस ढंग से जेलों में बंद गैंगस्टरों या आतंकी मिंटू के माध्यम से स्लीपर सैल गठित कर धड़ाधड़ हिन्दू नेताओं की हत्याओं की साजिश रच सफलतापूर्वक अमलीजामा पहनाया गया, वे बेहद गंभीर विषय है। इस सारे खेल में सबसे अहम वजह या सिस्टम में रही कमजोरी जिसमें जेलों में बंद गैंगस्टरों के पास मोबाइल फोन की आसानी से उपलब्धता रही है। अगर गुगनी, मिंटू व जेल में बंद अन्य अपराधियों के पास मोबाइल फोन न होते तो परिस्थितियां कुछ और ही होतीं। लेकिन यह जमीनी सच्चाई है कि राज्य की हर जेल के भीतर बंद अपराधियों के पास मोबाइल हैं जिसकी मदद से वे सलाखों में बंद रहने के बावजूद बाहर अपना गैंग व गतिविधियां चला रहे हैं। इसमें उनकी मदद जेल स्टाफ में सक्रिय कर्मचारी कर रहे हैं लेकिन कांगे्रस सरकार व राज्य पुलिस इस खेल को सख्ती से रोकने के लिए भविष्य में सख्त फैसले लेने जा रही है।
जांच दौरान गुगनी ने खोले राज
सूत्रों की मानें तो आतंकी हरमिन्द्र मिंटू के इशारे पर हिन्दू नेताओं के हत्यारों को हथियार उपलब्ध करवाने वाले गुगनी ने पूछताछ में कई राज खोले हैं। इसकी सज्जाई जानने के लिए पुलिस ने उसके सम्पर्क वाले गैंगस्टरों को प्रोडक्शन वारंट पर लाना शुरू किया है। असल में सरकार पंजाब में पुन: सक्रिय हुए आतंकियों व उनके स्लीपर सैल को पूरी तरह ध्वस्त करना चाहती है ताकि भविष्य में किसी प्रकार का खतरा न रहे।