गुरदासपुर चुनावः हिन्दू वोट बंटा, सिख वोटर कार्ड पर होगी जमकर सियासत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Sep, 2017 10:37 AM

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लोकसभा हलका गुरदासपुर के उपचुनाव का कई दिनों से इंतजार किया जा रहा था।

गुरदासपुर (विनोद,दीपक): लोकसभा हलका गुरदासपुर के उपचुनाव का कई दिनों से इंतजार किया जा रहा था। इस चुनाव के लिए मुख्य राजनीतिक पाॢटयों द्वारा भी अपने-अपने उम्मीदवार घोषित करने संबंधी एक-दूसरे दल की तरफ देखा जा रहा था, क्योंकि सभी को पता था कि इस चुनाव को जीतने वाला उम्मीदवार मात्र 18 महीने के लिए सांसद चुना जाना है, इसलिए मुख्य राजनीतिक दल भाजपा, कांगे्रस और आम आदमी पार्टी काफी कशमकश में रहे। 

 

पहली बार तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने हिन्दू उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। जहां तक भाजपा का संबंध है वह तो शुरू से ही हिन्दू उम्मीदवार को ही लोकसभा चुनाव में उतारती रही है, परंतु कांग्रेस पार्टी ने लगभग 40 साल बाद महसूस किया कि इस सीट पर हिन्दू उम्मीदवार ही मुकाबला कर सकता है, यही कारण है कि कांग्रेस ने इस बार  सुनील जाखड़ को चुनाव मैदान में उतारा जबकि ‘आप’ ने भी टिकट के चाहवान सिख उम्मीदवारों की बजाय हिन्दू उम्मीदवार मेजर जनरल सुरेश खजूरिया को चुनाव मैदान में उतारा, वहीं भाजपा ने स्वर्ण सलारिया को चुनाव मैदान में उतारा है।
इस लोकसभा हलके के लिए अब तक वर्ष 1952 से लेकर 2014 तक 16 लोकसभा चुनाव हुए हैं। इन 16 चुनावों में 11 बार कांग्रेस, 1 बार जनता पार्टी तथा 4 बार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार विजेता रहे जबकि सबसे अधिक रिकार्ड कांग्रेस की सुखबंस कौर भिण्डर का है जिन्होंने 5 बार इस हलके का प्रतिनिधित्व किया। 


 

तीनों दल समझते हैं हिन्दू मतदाता का महत्व
तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने हिन्दू उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं, क्योंकि गत 2 चुनावों के परिणाम इस हो रहे चुनाव के विश्लेषण के लिए बहुत महत्व रखते हैं। वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने भाजपा के विनोद खन्ना को मात्र  8,342 वोट के अंतर से पराजित किया था, जबकि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में विनोद खन्ना ने प्रताप सिंह बाजवा को 1,36,065 वोट के अंतर से पराजित किया था, यही कारण है कि तीनों राजनीतिक दलों को हिन्दू वोटरों का महत्व समझ में आ गया है। पठानकोट, भोआ, सुजानपुर, दीनानगर हिन्दू बहुमत वाले विधानसभा इलाके हैं जबकि गुरदासपुर विधानसभा के हलकों में यह प्रतिशत लगभग बराबर-बराबर है, परंतु बटाला, कादियां, फतेहगढ़ चूडिय़ां तथा डेरा बाबा नानक विधानसभा हलकों में सिख मतदाता का प्रतिशत बहुत अधिक है, जो यह स्पष्ट करता है कि यदि 9 विधानसभा हलकों का गणित तैयार किया जाए तो सारे लोकसभा हलके में हिन्दू तथा सिख लगभग बराबर प्रतिशत पर हैं। 

 


उत्तरप्रदेश में भाजपा ने सभी उम्मीदवार हिन्दू समुदाय से खड़े करके जुआ खेला था तथा एक भी मुसलमान को उम्मीदवार नहीं बनाया था जिस संबंधी कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने काफी शोर मचाकर भाजपा को नुक्सान पहुंचाने की कोशिश की थी, परंतु भाजपा का यह फार्मूला सफल रहा। यही कारण है कि अब भाजपा ने हिन्दू कार्ड खेलना शुरू कर रखा है, परंतु कांग्रेस ने भी इस बार भाजपा की नीति को देखते हुए हिन्दू उम्मीदवार को इस चुनाव में उतारा है। 

 

 

क्या स्थिति रहेगी सिख मतदाताओं की
जिला गुरदासपुर में जितने हिन्दू मतदाता हैं, उतने ही लगभग सिख मतदाता हैं परंतु इस बार इस लोकसभा उपचुनाव में प्रमुख राजनीतिक दलों का सिख उम्मीदवार नहीं होने के कारण सिख मतदाता भी 3 हिस्सों में बंटने की संभावना बनी हुई है, परंतु जिस तरह से आज ‘आप’ के माझा जोन के संयोजक कंवलप्रीत सिंह काकी तथा डा. मनमोहन सिंह भागोवालिया ने पार्टी से यह कह कर त्यागपत्र दिया कि पार्टी की विचारधारा सिख विरोधी है इससे ‘आप’ को कुछ प्रतिशत नुक्सान हो सकता है। 
भाजपा के साथ शिरोमणि अकाली दल खड़ा है जबकि कांग्रेस अपने दम पर तथा अपने सिख नेताओं के दम पर कितने सिख वोट लेने में सफल होगी यह उसकी हार-जीत पर प्रभाव डालेगा। 
 अकाली दल 1984 के दंगों की बात करेगा तो कांग्रेस अकाली दल को किसान विरोधी बताकर वोट प्राप्त करने की कोशिश करेगी। लगभग 75 प्रतिशत सिख मतदाता तो  
अपने-अपने राजनीतिक दल कांग्रेस व अकाली दल के साथ बंधे हुए हैं, जबकि करीब 25 प्रतिशत मतदाता हवा का रुख देख कर वोट डालेंगे तथा ये 25 प्रतिशत बहुत अधिक असर रखते हैं।

 

नाम वापसी कल तक, वी.वी. पैट मशीन से वोटिंग
अब क्योंकि चुनाव के लिए नामांकन कागजात भरने का काम पूरा हो चुका है तथा 27 सितम्बर तक नामांकन पत्र वापस लिए जाएंगे तथा 11 अक्तूबर को मतदान होगा। चुनाव का परिणाम 15 अक्तूबर को वोटों की गिनती के बाद सामने आएगा।गुरलवलीन सिंह सिद्धू जिलाधीश-कम-जिला चुनाव अधिकारी गुरदासपुर के अनुसार 11 अक्तूबर 2017 को होने वाले लोकसभा उपचुनाव गुरदासपुर हलके में पठानकोट के 3 विधानसभा हलके सुजानपुर, पठानकोट तथा भोआ शामिल हैं, जबकि जिला गुरदासपुर के 6 विधानसभा हलके गुरदासपुर, दीनानगर, कादियां, बटाला, फतेहगढ़ चूडिय़ां, डेरा बाबा नानक विधानसभा हलके शामिल हैं। इस चुनाव में सभी हलकों में इस बार वी.वी.पैट का प्रयोग किया जाएगा। इस चुनाव के लिए 1,781 पोङ्क्षलग स्टेशन तथा 1,257 पोङ्क्षलग लोकेशंस होंगी। 

 

हिन्दू वोट तय करेगा हार-जीत 
गुरदासपुर लोकसभा चुनाव में कुल 15,29,207 मतदाता हैं, जिसमें 7 लाख 85 हजार 126 पुरुष तथा 7 लाख 44 हजार 81 महिला मतदाता हैं। 
तीनों ही प्रमुख राजनीतिक दल हिन्दू मतदाताओं को रिझाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं, जो यह प्रकट करता है कि इस बार भाजपा का हिन्दू कार्ड इस चुनाव में बहुत अधिक इसलिए सफल नहीं होगा क्योंकि हिन्दू मतदाता 3 हिस्सों में बंट जाएगा। तीनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों को इस बार हिन्दू मतदाताओं पर ही जोर लगाना होगा। हिन्दू मतदाताओं का किस राजनीतिक दल की तरफ अधिक रुझान है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो रहा।

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