Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Sep, 2017 11:00 PM
जी.एस.टी. ने पंजाब सरकार को एक महीने के भीतर ही कंगाल बना दिया ...
जालंधर(रविंदर शर्मा): जी.एस.टी. ने पंजाब सरकार को एक महीने के भीतर ही कंगाल बना दिया है। हालात यह हैं कि जी.एस.टी. लगने के बाद पहले महीने में ही सरकार को 800 करोड़ रुपए के रैवेन्यू का नुक्सान हुआ है। कांग्रेस ने अब जी.एस.टी. का ठीकरा केंद्र की मोदी सरकार पर फोड़ा है।
पंजाब सरकार ने जी.एस.टी. की हिमायत की थी और सरकार को उम्मीद थी कि जी.एस.टी. लगने के बाद राज्य के आर्थिक हालात सुधरेंगे, मगर पहले दो महीनों में हुआ इसके बिल्कुल उलट। हालात ऐसे हैं कि घाटे की पूर्ति के लिए ब्याज पर पैसे लिए जा रहे हैं। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल का कहना है कि मुलाजिमों को सैलरी देनी भी मुश्किल हो रही है, जिस कारण ब्याज पर पैसे लिए जा रहे हैं। हालांकि साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार राज्य सरकार के हिस्से का जी.एस.टी. का पैसा जल्द रिलीज करेगी और राज्य के आर्थिक हालात जल्द सुधरेंगे।
गौर हो कि कांग्रेस सरकार को पूर्व सरकार से बेहद खस्ताहाल में राज्य की आर्थिक स्थिति मिली थी। प्रदेश पर लाखों करोड़ों का कर्जा है। कांग्रेस सरकार भी 5 महीने के भीतर ऐसा कुछ नहीं कर पाई है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति सुधर सके। कांग्रेस अभी तक अपने अंदरूनी झगड़ों से ही बाहर नहीं निकल पा रही है। ऊपर से 1 जुलाई से देश भर में जी.एस.टी. लगने के बाद राज्य को दोहरी मार पड़ी है। हालांकि पंजाब सरकार ने खुलकर जी.एस.टी. की हिमायत की थी और सरकार को उम्मीद थी कि जी.एस.टी. का रैवेन्यू आने से प्रदेश के हालात सुधरेंगे, मगर अभी तक पूरी तरह यह पांसा पंजाब सरकार के उलट पड़ रहा है।
वित्त मंत्री मनप्रीत बादल का कहना है कि राज्य की ओर से जी.एस.टी. परिषद की बैठक में इस बात को प्रमुखता से रखा जाएगा कि राज्यों के हिस्से के पैसे को जल्द रिलीज किया जाए। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार ने पहले ही 10 साल में प्रदेश को कंगाल बना दिया है और अब जी.एस.टी. का पैसा न आने से राज्य की आॢथक स्थिति बेहद डावांडोल हो गई है। राज्य में व्यापारियों व उद्योगपतियों में अफरा-तफरी का माहौल है और कामकाज चलाने के लिए उधार पैसे लिए जा रहे हैं। कपड़े जैसे घरेलू निर्माण क्षेत्रों में हाहाकार मची हुई है और राज्यों की आमदन उम्मीद से कम हो रही है। पंजाब को इस साल जुलाई में 1650 करोड़ रुपए टैक्स वसूली की उम्मीद थी, मगर राज्य को मिले केवल 846 करोड़ रुपए।
पंजाब सरकार का आरोप है कि केंद्र को जी.एस.टी. का डबल फायदा मिल रहा है। एक तो वह अपने स्तर का टैक्स वसूल ही रहा है दूसरी तरफ राज्यों के टैक्स पर केंद्र ब्याज भी वसूल रहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल समेत अन्य कांग्रेसी नेता जी.एस.टी. की हिमायत करते हुए कह रहे थे कि इससे पंजाब को काफी लाभ होगा। हालांकि कांग्रेसी हाईकमान का इसके उलट रवैया था। पंजाब विधानसभा ने 19 जून को ही जी.एस.टी. बिल पास कर दिया था।