मामला प्रापर्टी टैक्स की चोरी रोकने का, सरकार करेगी ये कार्रवाई

Edited By Urmila,Updated: 08 Apr, 2024 12:46 PM

government will take this action to stop property tax evasion

नगर निगम द्वारा प्रापर्टी टैक्स की चोरी रोकने के लिए सभी प्रापर्टियों को यू आई डी नंबर लगाने संबंधी जो सर्वे करवाया जा रहा है।

लुधियाना (हितेश) : नगर निगम द्वारा प्रापर्टी टैक्स की चोरी रोकने के लिए सभी प्रापर्टियों को यू आई डी नंबर लगाने संबंधी जो सर्वे करवाया जा रहा है, उसकी सरकार क्रास चेकिंग करवाएगी क्योंकि यह काम स्मार्ट सिटी मिश्न के फंड में से करवाया जा रहा है जिसकी स्टेटस रिपोर्ट हासिल करने के लिए पी एम आई डी सी की टीम ग्राऊंड पर पहुंच गई है। जिनके द्वारा नगर निगम के संबंधित अधिकारियों के साथ मीटिंग करने के अलावा डोर टू डोर जाकर कंपनी द्वारा जुटाए गए डाटा की क्रास चेकिंग की जा रही है।

इसलिए बनाई गई है योजना

सरकार द्वारा हाऊस टैक्स की जगह जो प्रापर्टी टैक्स लागू किया गया है, उसमें सेल्फ असेसमेंट का पैट्रन अपनाया गया है। जिसकी आड में लोग प्लाट साइज, कवरेज एरिया, लैंड यूज या किराए की सही जानकारी न देकर पूरा प्रापर्टी टैक्स जमा नही करवाते। इसी तरह बड़ी संख्या में लोग पानी-सीवरेज के कनेक्शन मंजूर न करवाने के अलावा बिल नही दे रहें हैं जिसके मददेनजर प्रापर्टी टैक्स व पानी-सीवरेज के बिलों की चोरी रोकने के लिए डोर टू डोर सर्वे के रूप में सारी जानकारी लेकर यू आई डी नंबर से लिंक किया जा रहा है।

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यह अपनाया जा रहा है पैटर्न

डोर टू डोर सर्वे कर रही कंपनी के स्टाफ द्वारा सबसे पहले प्रापर्टी की जियो टैगिंग की जाती है और एप के जरिए प्लाट साइज, कवरेज एरिया, लैंड यूज या किराए की डिटेल अपलोड की जाती है। जिसके बाद यू आई डी नंबर लगाने के साथ प्रापर्टी की फोटो भी खींचकर नगर निगम के आनलाइन सिस्टम के साथ लिंक की जाती है। इसके अलावा जो पहले से यू आई डी नंबर लगे हुए हैं, उनका डाटा भी अपलोड किया जा रहा है।

 यह सामने आई है खामियां

सरकार की टीम द्वारा की गई क्रास चेकिंग के दौरान यह बात सामने आई है कि कुछ प्रापर्टियों के बंद होने की रिपोर्ट की गई है लेकिन टीम ने कहा है कि इस तरह की प्रापर्टियों प्लाट साइज, कवरेज एरिया, लैंड यूज या किराए की डिटेल जुटाकर उसके आधार पर प्रापर्टी टैक्स की डिमांड जरूर खड़ी की जाए। जिस रिकार्ड में आगे चलकर प्रापर्टी मालिक द्वारा डिटेल देने पर सुधार किया जा सकता है।

नगर निगम को यह होगा फायदा

इस सर्वे के दौरान उन लोगों की शिनाख्त की जा रही है, जिनके द्वारा कभी भी या रेगुलर प्रापर्टी टैक्स व पानी-सीवरेज के बिलों की अदायगी नहीं की जा रही है। यहां तक कि गलत तरीके से प्रापर्टी टैक्स की रिर्टन दाखिल करने वालों व पानी-सीवरेज के अवैध कनेक्शनों की भी पोल खुल रही है, जिन लोगों से बकाया रेवेन्यू की वसूली के लिए नगर निगम द्वारा नोटिस जारी किया जाता है।

बिजली कनेक्शनों का भी जुटाया जा रहा है डाटा

इस सर्वे के दौरान प्रापर्टी टैक्स व पानी-सीवरेज के बिलों के साथ बिजली कनेक्शनों का भी डाटा जुटाया जा रहा है। जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि पानी-सीवरेज के यूजर चार्जिस को आने वाले समय के दौरान बिजली बिलों की वसूली के साथ लिंक किया जा सकता है।

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