Edited By swetha,Updated: 13 Mar, 2020 09:42 AM
पंजाब में सरकारी स्कूल निजी स्कूलों को पूरी टक्कर देने के लिए हर सम्भव प्रयास करते दिखाई देते नजर आ रहे हैं। इनमें से बहुत से प्रयास पूरी तरह सफल होते दिख रहे हैं।
जालंधर (सुमित दुग्गल): पंजाब में सरकारी स्कूल निजी स्कूलों को पूरी टक्कर देने के लिए हर सम्भव प्रयास करते दिखाई देते नजर आ रहे हैं। इनमें से बहुत से प्रयास पूरी तरह सफल होते दिख रहे हैं। अनेक अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में इसलिए दाखिला दिलाते हैं कि उनके बच्चों की पढ़ाई अंग्रेजी मीडियम में हो। पंजाब सरकार ने भी बीते 2 सालों में राज्य के कुल 6113 स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम के साथ जोड़ा है।
इनमें 2940 प्राइमरी स्कूल व 3173 मिडल हाई व सीनियर सैकेंडरी स्कूल शामिल हैं। अंग्रेजी से जोडऩे के साथ-साथ इन स्कूलों के स्टैंडर्ड को भी ऊंचा उठाया गया है, ताकि बच्चों को सी.बी.एस.ई. स्कूलों जैसा माहौल मिल सके। गत 2 सालों में सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले 1.46 लाख बच्चों द्वारा अंग्रेजी मीडियम को अपनाया जा चुका है।
जानकारी के मुताबिक सरकार के इस प्रयास से कई बच्चे जो महंगी फीस भर कर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई कर रहे थे, वे अब सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। इससे सरकारी स्कूलों की छवि भी सुधरी है। इन स्कूलों में स्मार्ट स्कूलों के अलावा अन्य स्कूलों को भी शामिल किया गया है। इससे अब सरकारी स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चों के पास ऑप्शन रहती है कि अंग्रेजी मीडियम लेना चाहते हैं या फिर पंजाबी मीडियम। वहीं अध्यापकों को भी विशेष सैमीनार लगाकर ट्रेङ्क्षनग दी जा रही है ताकि बच्चों की पढ़ाई में किसी भी तरह की कमी न रहे।