Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Sep, 2017 10:20 AM
शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी के वि.स. हलके से सटे एवं भोआ हलके के अनेक सरकारी स्कूलों की इमारतों की उपेक्षा के चलते हालत दयनीय होने के बावजूद राज्य सरकार इस ओर कोई विशेष तवज्जो देती नहीं दिख रही है।
पठानकोट/भोआ (शारदा, अरुण): शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी के वि.स. हलके से सटे एवं भोआ हलके के अनेक सरकारी स्कूलों की इमारतों की उपेक्षा के चलते हालत दयनीय होने के बावजूद राज्य सरकार इस ओर कोई विशेष तवज्जो देती नहीं दिख रही है।
भोआ हलके के गांव समराला में स्थित सरकारी एलीमैंटरी स्कूल की इमारत भी लम्बे समय से रख-रखाव के अभाव के कारण जर्जर हालत में आ गई है जिसे शिक्षा विभाग ने अब असुरक्षित घोषित कर दिया है। बावजूद इसके बरसात के दिनों में बच्चे इस असुरक्षित इमारत में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
साफ मौसम में तो बच्चों की पढ़ाई खुले आसमान की छत तले हो जाती है परन्तु बरसात के दिन न चाहते हुए भी स्कूली बच्चों अपने स्वॄणम भविष्य के चलते इस असुरक्षित इमारत में मौत के साए में पल-पल काटते हुए पढ़ाई करने को विवश हैं। मौजूदा परिस्थितियों में नौनिहाल किसी भी समय हादसे का शिकार हो सकते हैं। इसको लेकर ग्रामीणों व अभिभावकों में ङ्क्षचता बनी हुई है।
बच्चे जर्जर बिल्डिंग में पढ़ाई करने को मजबूर
इस संबंध में सरपंच महावीर सिंह सैनी, गुलशन कुमार, सुभाष चंद्र पसबक कमेटी के चेयरमैन लतीफ हुसैन, सुरेखा रानी, रजनी कुमारी, बोध सैनी, ममता देवी, सुनीता देवी व संतोष कुमारी ने बताया कि गत 8 अप्रैल को विभाग के सहायक इंजीनियर महिन्द्र पाल ने निरीक्षण के बाद इस स्कूल की इमारत को असुरक्षित घोषित कर दिया था तथा आदेश दिए थे कि इस बिल्डिंग को किसी भी सूरत में प्रयोग न किया जाए।
बावजूद इसके स्कूली बच्चे इस जर्जर बिल्डिंग में पढ़ाई करने को मजबूर हैं क्योंकि बरसात के मौसम में वैकल्पिक स्थान उपलब्ध नहीं है।
पहले भी हो चुका है हादसा
ग्रामीणों ने बताया कि 3 अप्रैल को जब इस जर्जर बिल्डिंग में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे तो बरसात के चलते एकाएक स्कूल के कमरे का एक भाग ध्वस्त होकर नीचे आ गिरा। सौभाग्य से बच्चों की जानें तो बच गईं परन्तु उनमें खौफ बैठ गया। उन्होंने बताया कि जब शिक्षा मंत्री के हलके से सटे गांव के सरकारी स्कूल की इमारत का यह हाल है तो अन्य स्कूलों की दशा कैसी होगी इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है।