शिक्षा मंत्री पर आरोप, कॉलेजों के अयोग्य प्रिंसिपलों की रिपोर्ट सामने नहीं ला पाई सरकार

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 13 Sep, 2023 08:17 PM

government could not bring out the report of ineligible principals of colleges

पंजाब के कॉलेजों में अयोग्य प्रिंसिपलों की भर्ती और एसोसिएट प्रोफेसरों की पदोन्नति के संबंध में पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देशों के बाद अगस्त 2022 में उच्च शिक्षा सचिव द्वारा 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था।

लुधियाना (विक्की) : पंजाब के कॉलेजों में अयोग्य प्रिंसिपलों की भर्ती और एसोसिएट प्रोफेसरों की पदोन्नति के संबंध में पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देशों के बाद अगस्त 2022 में उच्च शिक्षा सचिव द्वारा 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था और कमेटी से 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था, लेकिन अब 1 साल बीत जाने के बाद भी पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।

शिकायतकर्ता प्रोफेसर तरुण घई ने आरोप लगाया कि उक्त मामले में उन्होंने सचिव उच्च शिक्षा एवं उच्च शिक्षा मंत्री से शिकायत की थी कि पंजाब के कॉलेजों में यूजीसी गाइडलाइंस 2010 का उल्लंघन करते हुए अयोग्य व्यक्तियों को प्रक्रिया पूरी किए बिना डीएचई (पंजाब) यूनिवर्सिटी और मैनेजमेंट्स की कथित मिलीभगत के कॉलेजों के प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया।  प्रो. घई ने पंजाब के मुख्यमंत्री और कैग को भी लिखा था कि इन नियुक्तियों से पंजाब सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। इनमें से कई प्रिंसिपल और एसोसिएट प्रोफेसरों की जांच भी विजिलेंस कर रही है। प्रो. घई ने कहा कि एक प्रिंसिपल की ग्रांट पिछले 17 महीने से बंद है, लेकिन इसके बावजूद जो सरकार भ्रष्टाचार पर जल्द और कड़ी कार्यवाही करने का दावा करती रही है के द्वारा 15 दिन में आने वाली रिपोर्ट को 1 साल बाद भी सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है?

 प्रो. घई ने कहा कि हमें सूत्रों से यह भी पता चला है कि पूर्व शिक्षा मंत्री की ओर से जांच के घेरे में आये सभी प्रिंसिपल को हटाने का लिखित आदेश दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद विभाग द्वारा मंत्री के आदेश को नहीं माना जा रहा। घई ने कहा कि इस सम्बन्ध में उनके द्वारा सचिव उच्च शिक्षा को उन आदेशों की प्रति की मांग के संबंध में एक आरटीआई दायर की गई है जिसका जवाब विभाग द्वारा नहीं दिया जा रहा है। घई ने कहा कि रिपोर्ट सार्वजनिक न होने के कारण पंजाब के कॉलेजों के प्रबंधकों ने यूजीसी गाइडलाइंस 2010 का उल्लंघन करते हुए अपने चहेतों को गलत प्रमोशन दिए हैं जिसकी पूरी रिपोर्ट सरकार के पास है और यूनिवर्सिटीज के वाईस चांसलर को भेजी जा चुकी है जो भी पूरी तरह से चुप हैं।

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