Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Aug, 2017 10:13 AM
केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई जी.एस.टी. के कारण अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है, जिससे व्यापारिक मंदी का दौर गहरा गया है।
जालंध (धवन): केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई जी.एस.टी. के कारण अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है, जिससे व्यापारिक मंदी का दौर गहरा गया है। जी.एस.टी. के बाद परिस्थितियां साफ होने में अभी 6 महीने का समय और लग सकता है। एच.आर. इंटरनैशनल ग्रुप के डायरैक्टर सुरेश शर्मा ने आज बातचीत करते हुए कहा कि जी.एस.टी. के कारण कई छोटे व बड़े व्यापारिक समुदायों के सामने जटिल परिस्थितियां पैदा हुई हैं तथा अभी व्यापार में तेजी आने में कुछ समय लगेगा।
उन्होंने कहा कि पहले नोटबंदी के कारण व्यापारिक कामकाज में 6 माह तक गिरावट का रुख देखने को मिला। नोटबंदी का असर जब खत्म हुआ तो जी.एस.टी. लागू होने से परिस्थितियां जटिल बन गईं क्योंकि जिन लोगों ने अभी तक अपने खातों का हिसाब-किताब नहीं रखा था, उन्हें अब खातों का पूरा हिसाब रखना पड़ेगा। सुरेश शर्मा ने कहा कि चाहे जी.एस.टी. से अंतत: देश को लाभ ही होगा तथा अगर इससे सरकार की आमदनी बढ़ती है तो उसे सरकार देश के विकास कार्यों व आधारभूत ढांचा बनाने पर खर्च करेगी परंतु किसी भी नई व्यवस्था व प्रणाली को अपनाने में आरंभ में परेशानियों का सामना तो करना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी को तो पहले ही भारत झेल रहा था।
अमरीका को छोड़कर शेष सभी देशों में व्यापारिक मंदी पाई जा रही है। यूरोप में जर्मनी को छोड़कर शेष सभी देशों में व्यापार का हाल मंदा चल रहा है। उन्होंने कहा कि वह चीन का दौरा करके लौटे हैं तथा वहां भी उन्होंने मंदी देखी है। भारतीय निर्यातकों को पर्याप्त संख्या में आर्डर नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. के बाद एक प्रकार से व्यापार पर ब्रेकें लगी हैं। आने वाले कुछ महीने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भारी रह सकते हैं। जी.एस.टी. का असर अगली दो तिमाहियों में भी देखने को मिलेगा। दिसम्बर के बाद पता चलेगा कि देश में व्यापार व अर्थव्यवस्था की हालत कैसी रहती है। सुरेश शर्मा ने कहा कि अभी हालात व्यापारिक दृष्टि से अनुकूल नहीं कहे जा सकते। अधिकांश कारोबारों को मंदी के हालात से रूबरू होना पड़ रहा है।