Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 03:55 PM
जी.एस.टी. लागू होने के बाद ट्रेनों में यात्रा के दौरान लाखों लोगों द्वारा कैटरिंग सेवा का लाभ लिया जाता है। इस सेवा का लाभ लेने वाले यात्रियों से खाद्य पदार्थों के दामों को पूर्णांकित करने की विधि अपना उनसे कई प्रतिशत तक अधिक दाम वसूल कर रेलवे उनकी...
लुधियाना(विपन): जी.एस.टी. लागू होने के बाद ट्रेनों में यात्रा के दौरान लाखों लोगों द्वारा कैटरिंग सेवा का लाभ लिया जाता है। इस सेवा का लाभ लेने वाले यात्रियों से खाद्य पदार्थों के दामों को पूर्णांकित करने की विधि अपना उनसे कई प्रतिशत तक अधिक दाम वसूल कर रेलवे उनकी जेब पर बोझ डाल उन्हें चूना लगा रहा है। रेलवे प्रशासन द्वारा 1 जुलाई से टिकट बुकिंग के बाद यात्रियों को उपलब्ध करवाए जाने वाले खाद्य पदार्थों पर जी.एस.टी. लगाकर दामों को पूर्णांकित करने (राऊंडिंग ऑफ) के लिए जो तरीका अपनाया जा रहा है उससे यात्रियों द्वारा खरीदे सामान के बनते मूल्य से अधिक वसूली की जा रही है।
आर.टी.आई. के जवाब में रेलवे ने मानी अधिक वसूली की बात
एक आर.टी.आई. का जवाब देते हुए रेल प्रशासन ने इस बात को स्वीकार किया है कि रेलवे द्वारा दामों को पूर्णांकित करने के लिए बनते दामों से अधिक वसूली की जा रही है। रेलवे द्वारा अपनाई गई इस विधि से तकरीबन 10 लाख यात्रियों को चूना लग रहा है।
रेलवे द्वारा नोटीफिकेशन जारी कर इस विधि को किया गया है लागू
खाद्य पदार्थों के बनने वाले बिल के बनते मूल्य को राऊंडिंग ऑफ करने वाले फार्मूले को लागू करने के लिए बकायदा नोटीफिकेशन जारी किया गया है। इसके चलते अगर यात्री द्वारा खरीदे 5 रुपए के सामान के ऊपर 10 पैसे भी अधिक बनते हैं तो उससे 10 रुपए वसूल किए जाएंगे।
कैटरिंग सिस्टम से यात्रियों को लग रहा चूना
नोटबंदी के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा लोगों से उनके द्वारा खरीदे गए सामान पर अंकित दामों को राऊंङ्क्षडग ऑफ करने के लिए अधिक दाम देने या टॉफी आदि सामान लेने का विरोध करने का आह्वान किया था लेकिन रेलवे इसके एकदम उलट कैटरिंग सिस्टम में यह विधि अपना यात्रियों को चूना लगा रही है।