Edited By Updated: 06 Dec, 2016 11:03 AM
जेलों में नशा और सुरक्षा प्रबंधों को लेकर हमेशा बेधड़क होकर बोलने वाले सेवा मुक्त ए.डी.जी.पी. जेल शशिकांत का दावा है कि फरार गैंगस्टरों को राजनीतिक शह प्राप्त है
पटियाला/नाभा (बलजिन्द्र, भूपा): जेलों में नशा और सुरक्षा प्रबंधों को लेकर हमेशा बेधड़क होकर बोलने वाले सेवा मुक्त ए.डी.जी.पी. जेल शशिकांत का दावा है कि फरार गैंगस्टरों को राजनीतिक शह प्राप्त है तभी वे पूरी योजनाबंदी के साथ प्रदेश की मैक्सिमम सुरक्षा जेल को तोडऩे में सफल रहे। इतनी बड़ी जेल को आराम से तोड़ कर 6 व्यक्तियों को छुड़ाने से साफ जाहिर है कि फरार गैंगस्टरों को राजनीतिक शह प्राप्त है। उन्होंने दावा किया कि फरार गैंगस्टरों की गिरफ्तारी की संभावना काफी कम है। जेल को पूरी योजनाबंदी के साथ तोड़ा गया और जो हरमिंद्र सिंह व कश्मीर सिंह को साथ भगाया गया है, वह भी साजिश के अंतर्गत भगाया गया है, ताकि सुरक्षा एजैंसियां उनके पीछे लग जाएं और गैंगस्टर अपने ठिकानों पर सुरक्षित पहुंच जाएं। हुआ भी इसी तरह है, सुरक्षा एजैंसियों का ध्यान हरमिंद्र मिंटू पर लगा हुआ है और गैंगस्टर अपने सुरक्षित स्थानों पर पहुंच चुके हैं। यही कारण है कि 8 दिन बीत जाने के बावजूद गैंगस्टरों का कोई अता-पता नहीं लग सका।
चुनाव में किया जा सकता है गैंगस्टरों का इस्तेमाल
रिटायर्ड ए.डी.जी.पी. शशिकांत का कहना है कि जेल से फरार गैंगस्टरों का इस्तेमाल चुनावों में लोगों को डराने-धमकाने के लिए किया जा सकता है, क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में इन गैंगस्टरों का जेल से बाहर आना इनके राजनीतिक आकाओं के लिए बहुत ज्यादा जरूरी था। इसी कारण इतनी बड़ी
जेल ब्रेक करके खतरनाक किस्म के अपराधी आराम से जेल से भाग गए।
जेलों में भी राजनीतिक प्रभाव ज्यादा
पंजाब की जेलों में भी राजनीतिक प्रभाव बहुत ज्यादा है। इस बात को कई बार पहले भी कहा जा चुका है, जिसको बंद किया जाना चाहिए तभी जेल विभाग अपना काम सही तरीके से कर सकेगा।
पुलिस वर्किंग में राजनीतिक दखलअंदाजी बहुत ज्यादा
पुलिस की वर्किंग में राजनीतिक दखलअंदाजी बहुत ज्यादा होने के कारण पुलिस भी अपनी मर्जी के साथ काम नहीं कर पाती। कई बार तो जैसे ही पुलिस
सख्ती के साथ अपना काम शुरू करती है तो राजनीतिक दखलअंदाजी उन को सही दिशा की तरफ जाने ही नहीं देती। गैंगस्टरों के न पकड़े जाने के पीछे भी राजनीतिक दखलअंदाजी ही है क्योंकि पुलिस राजनीतिक लोगों के अनुसार काम करने को प्राथमिकता देती है क्योंकि पोस्टें भी उन लोगों ने ही देनी होती हैं।