Edited By Vatika,Updated: 21 Aug, 2019 09:56 AM
आर्थिक हालात से उभरने के लिए ग्रामीणों को करना पड़ेगा लंबे वक्त का इंतजार
जालंधर: बारिश और बांधों का जल स्तर बढ़ने से पंजाब में उत्पन्न हुई स्थिति से सूबे के लोगों को आर्थिक रूप से उबरने में लंबे वक्त का इंतजार करना पड़ सकता है। सूबे में करीब 1700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। सरकार का फौरी तौर पर 100 करोड़ रुपए राहत का ऐलान ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। इसलिए कैप्टन सरकार ने अधिकारियों को 7 दिन के भीतर नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं। इस रिपोर्ट को आर्थिक मदद हासिल करने के बाद केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
बारिश और बांधों के पानी के कहर के बाद पंजाब में पानी में डूबे करीब 200 गांवों में जलभराव की स्थिति अभी भी बरकरार है। बांधों का जलस्तर खतरे के निशान से करीब सवा फुट नीचे आ गया है। करीब 31 साल बाद सूबे के लोगों ने जल प्रलय का ऐसा मंजर देखा है।
एक अनुमान के मुताबिक ग्रामीणों के खेत खलियानों और घरों में भरे पानी को सूखने पूरी तरह सूखने में लगभग एक माह का समय लग जाएगा, जबकि आर्थिक नुकसान से उबरने में लोगों को लंबे वक्त का इंतजार करना पड़ेगा। मंदी की मार झेल रही कैप्टन सरकार ने बाढ़े जैसी स्थति के बाद नुकसान का जायजा लेने के लिए 12 टीमों का गठन किया है। 7 दिन के भीतर रिपोर्ट तैयार करने के बाद पंजाब सरकार से आर्थिक मदद मांगेगी।