Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 04:50 PM
दोआबा क्षेत्र जहां लगभग हर घर से कोई न कोई व्यक्ति विदेश में बसा हुआ है
जालंधर (अमित) : दोआबा क्षेत्र जहां लगभग हर घर से कोई न कोई व्यक्ति विदेश में बसा हुआ है वहां पर आदमपुर जैसी जगह पर हवाई अड्डा बनना पूरे दोआबा क्षेत्र के लिए एक वरदान की तरह है। मगर दोआबा की जनता का सितम्बर में दिल्ली की उड़ान भरने का सपना पूरा नहीं हो सकेगा क्योंकि आदमपुर से फ्लाइट लगभग एक महीना देरी से शुरू हो पाएगी। इस बात की औपचारिक घोषणा आदमुपर एयरपोर्ट पर काम की प्रगति का जायकाा लेने गए डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा ने करते हुए कहा कि किन्हीं कारणों से अब फ्लाइट 15 अक्तूबर तक ही शुरू हो सकेगी। प्रशासन द्वारा इस बात की पूरी कोशिश की जा रही है कि दीवाली से पहले-पहले इसे हर हाल में शुरू कर दिया जाए। जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट से संबंधित लगभग सारे काम अधूरे पड़े है। इस अवसर पर एयरपोर्ट अथार्टी आफ इंडिया के अधिकारी, एयर वाइस मार्शल और एयरफोर्स के अन्य अधिकारी, डायरैक्टर जनरल सिविल एविएशन के साथ-साथ अलग-अलग विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
शुरूआत से ही लटकता जा रहा है प्रोजैक्ट
अपनी शुरूआत से ही यह प्रोजैक्ट लटकता जा रहा है। आदमपुर में एयरपोर्ट बनाने के लिए भूमि पूजन पंजाब विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पिछले साल नवम्बर-दिसम्बर में हुआ था और इसके निर्माण के लिए लगभग 24 महीने का समय तय किया गया था। हालांकि प्रशासन और सिविल एविएशन का दावा था कि उक्त काम को आधे समय यानी कि 12 महीने में ही निपटा लिया जाएगा मगर जनवरी में कोड आफ कंडक्ट लगने की वजह से एयरपोर्ट का काम लगभग 3 महीने के लिए अटक गया था। बाद में काम तेकाी से शुरू करने के दावे अवश्य किए जाते रहे मगर हर बार किसी न किसी कारण से काम लटकता ही रहा है।
क्या है अड़चनें, क्या हैं कमियां?
एयरपोर्ट के इंजीनियरिंग काम भी नहीं हुए पूरे।
इंटरनल रोड बनाने का काम अपने तय समय से लगभग 20-25 दिन पीछे चल रहा है।
एयरपोर्ट पर आने वाले लोगों व स्टाफ के वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किंग की फिलहाल कोई व्यवस्था नहीं है।
यात्रियों और स्टाफ के लिए बनने वाला पोर्टेबल कैबिन इंस्टाल नहीं हुआ है।
बिजली, पानी, सीवरेज आदि के काम मुकम्मल नहीं हुए हैं।
कैबिन के अंदर बिजली, पानी, कम्प्यूटर नैटवर्किंग, फर्नीचर-फिक्सचर आदि का काम शुरू ही नहीं हो पाया है। पोर्टेबल कैबिन इंस्टाल होने के बाद इस काम को पूरा होने में लगभग 15-20 दिन का समय लगेगा।
एयरफोर्स की दीवार के साथ बनने वाले गेट का काम शुरू ही नहीं हो पाया है।
एयरपोर्ट के अंदर और बाहर सुरक्षा प्रबंधों को लेकर कर्मचारियों की तैनाती और ट्रेङ्क्षनग का काम अभी बाकी है।
फ्लाइट कंपनी द्वारा दी जाने वाली सिक्योरिटी क्लियरैंस को कम से कम 25 दिन का समय चाहिए और जब तक काम पूरा नहीं होता है तब तक फ्लाइट कंपनी द्वारा सिक्योरिटी क्लियरैंस नहीं दी जा सकती है।
प्रदेश सरकार द्वारा 46 सुरक्षा कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी है और उनकी ट्रेङ्क्षनग भी नहीं हुई है।
जमीन के सही न होने की सूरत में 3 फुट तक खोदकर उसमें रेत डाली जानी है जिसमें समय लग सकता है।
विभागों के आपसी तालमेल की कमी भी बनी देरी का कारण
एयरपोर्ट के काम की प्रगति और अलग-अलग विभागों के जिम्मे पड़े हुए बहुत से पैंङ्क्षडग कामों को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि फ्लाइट शुरू करने की राह आसान नहीं रही। तय समय पर काम को पूरा करने के लिए इससे संबंधित अलग-अलग विभागों के बीच बहुत अच्छा तालमेल नहीं बन पाया जिसकी वजह से प्रोजैक्ट में देरी हुई है।
मानसून सीकान में हुई बरसात के कारण काम पूरा नहीं हो सका और फ्लाइट शुरू करने में देरी हुई है। पैंडिंग काम को जल्दी पूरा करने के लिए संंबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं, मगर इतने बड़े प्रोजैक्ट में थोड़ी-बहुत देरी होना जायज है। स्पाइस जैट कंपनी द्वारा फ्लाइट उड़ाई जाएगी और 5 अक्तूबर से आम जनता के लिए आनलाइन बुकिंग उपलब्ध हो जाएगी। -डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा