Edited By Kalash,Updated: 26 Oct, 2022 11:21 AM
आर्थिक तंगी का सामना कर रहे मालवा इलाके के किसानों ने दीवाली वाली रात मंडियों में काटी
मोगा (गोपी राऊके): आर्थिक तंगी का सामना कर रहे मालवा इलाके के किसानों ने दीवाली वाली रात मंडियों में काटी। धान के मंडीकरन के लिए प्रतीक्षा कर रहे किसानों को मंडियों में फसल पड़ी होने के कारण दीवाली का ज्यादा उत्साह दिखाई नहीं दिया। दीवाली इस बार 15 दिन पहले आई है, जिस कारण अधिकतर किसानों की धान की फसल तो अभी खेतों में ही खड़ी है। जिन किसानों ने धान की पिछले 5 दिनों दौरान कटाई की है इनमें से अधिकतर किसानों के धान की बोली नहीं लगी है क्योंकि मौसम की नमी कारण धान नमी वाला है, जो जरूरी मापदंडों पर खरा नहीं उतर रहा।
मंडी में बैठे किसानों का कहना था कि धान सरकारी आदेशानुसार 10 दिन पिछड़कर लगा है, जिस कारण अब जब धान पकने लगा है, तो रात के मौसम में ठंड बढ़ने लगी है, जिस कारण धान सूखता नहीं है। उन्होंने कहा कि तयशुदा मापदंडों से ज्यादा नमी होने के कारण धान के मंडीकरन में देरी हो रही है।
किसान लवजीत सिंह का कहना था कि अभी 70 प्रतिशत से अधिक धान की फसल खड़ी है तथा मंडियों में आने वाले एक सप्ताह तक जोर पड़ना शुरू होगा, तो लिफ्टिंग पर भी असर पड़ने की संभावना है। यदि धान का सीजन लम्बा चला, तो किसानों, मजदूरों समेत सरकार को भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि मालवा के इस इलाके के लोगों का सीधा संबंध किसानी धंधे से है तथा यदि किसान खुशहाल होता है, तब ही यहां की मार्कीट चलती है।
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