Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Sep, 2017 12:23 PM
फतेहगढ़ साहिब के चरोटी कलां गांव में एक ऐसा बरगद है, जिसकी जड़ें जिस खेत में जातीं हैं
पटियाला: फतेहगढ़ साहिब के चरोटी कलां गांव में एक ऐसा बरगद है, जिसकी जड़ें जिस खेत में जातीं हैं वहां किसान खेती करनी बंद कर देते हैं। इतना ही नहीं लोगों का मानना है कि अगर कोई इस पेड़ की जड़ों को काटता है तो उसकी या उसके परिवार के किसी न किसी मैंबर की मौत हो जाती है। यह जगह चंडीगढ़ से लगभग 40 किलोमीटर दूर है। यहां के लोगों का कहना है कि कोई भी इस पेड़ को काटने की हिम्मत नहीं करता।
3.5 एकड़ में फैले इस पेड़ के अाकर्षण का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पैरिस का एक प्रोड्क्शन हाऊस इस पर डाक्यूमैंट्री भी बनाएगा। इसी बीच एक केंद्रीय टीम पेड़ का मुअायना करने यहां पहुंची। टीम के सदस्य इसे देख प्रभावित हुए। जैविक विभिन्नता से भरपूर 6 संभावित विरासती स्थानों में इस पेड़ का नाम शामिल है।
यही नहीं लोगों ने बताया कि इस बरगद के पेड़ में से निकलने वाला पानी शुगर की बीमारी के साथ पीड़ित लोगों के लिए वरदान साबित होता है। इस बरगद के पेड़ के नजदीक भगवान शिव का मंदिर है। यहां रहते महंत दशराम ने इस पेड़ के इतिहास के में बारे बताया।
इस को श्रद्धा या अंधविश्वास कहें पर यह पेड़ अपने आप में अद्भुत है। गांव वाले इस पेड़ को काटने की भूल नहीं करते बल्कि चुप्पचाप अपनी जमीन छोड़ देते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां सच्चे मन के साथ मंनत मांगने पर मनुष्य की हर मुराद पूरी होती है।