आखिरकार आई.सी.पी. अटारी पर शुरू हुआ ट्रक स्कैनर लगाने का काम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Oct, 2017 01:09 PM

eventually icp work on introducing a truck scanner at the attic

वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आई.सी.पी. अटारी बार्डर (इंटैग्रेटेड चैक पोस्ट) पर ट्रक स्कैनर लगाने का काम शुरू हो गया है।

अमृतसर(नीरज): वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आई.सी.पी. अटारी बार्डर (इंटैग्रेटेड चैक पोस्ट) पर ट्रक स्कैनर लगाने का काम शुरू हो गया है।

कस्टम विभाग, पाकिस्तान के साथ कारोबार करने वाले इंपोर्टर व एक्सपोर्टर, सी.एच.ए. यहां तक कि अमृतसर से सांसद श्वेत मलिक व गुरजीत औजला सहित जिला प्रशासन अमृतसर भी केन्द्र सरकार से लगातार मांग कर रहा था कि आई.सी.पी. पर ट्रक स्कैनर लगाया जाए, जिसके चलते सोमवार को लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया व अन्य एजैंसियों ने कस्टम विभाग के अधिकारियों के साथ जहां इस मुद्दे पर बैठक की, वहीं ट्रक स्कैनर लगाने वाला स्थान भी निर्धारित कर लिया है। किस स्थान पर स्कैनर लगाया जाएगा और कैसे काम करेगा इन सभी मुद्दों पर चर्चा भी की गई है। 

पता चला है कि सरकार की तरफ से 24 करोड़ की लागत से स्कैनर लगाया जा रहा है, जो पूरे के पूरे ट्रक को कुछ ही मिनटों में स्कैन कर सकता है और ट्रक की हर एक बोरी में नशीले पदार्थ या फिर कोई आपत्तिजनक वस्तु जैसे आर.डी.एक्स. व अन्य खतरनाक पदार्थों को भी ट्रेस कर सकता है। सरकार की तरफ से अत्याधुनिक तकनीक का ट्रक स्कैनर लगाया जा रहा है, ताकि पाकिस्तान के साथ होने वाले आयात-निर्यात में किसी प्रकार के नशीले पदार्थों की स्मगङ्क्षलग होने की संभावना बिल्कुल शून्य हो जाए। हालांकि अभी तक आई.सी.पी. अटारी पर एक-दो घटनाओं के अलावा कभी भी हैरोइन या अन्य किसी नशीले पदार्थों के केस नहीं बने हैं, लेकिन पाकिस्तान जैसे देश पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अगस्त 2018 में आई.सी.पी. अटारी पर ट्रक स्कैनर काम करना शुरू कर देगा।

कस्टम विभाग को मैनुअली व स्निफर डॉग्स की मदद से करनी पड़ रही है चैकिंग
आई.सी.पी. अटारी बार्डर के मौजूदा हालात की बात करें तो पता चलता है कि पाकिस्तान से आने वाले ट्रकों में आयात किए जाने वाले वस्तुओं जैसे ड्राईफ्रूट, जिप्सम, रॉक साल्ट व अन्य वस्तुओं की कस्टम विभाग को मैनुअली ही रैमजिंग करनी पड़ रही है।

इसके अलावा स्निफर डॉग्स का भी प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन ट्रक स्कैनर की तुलना में मैनुअली चैकिंग सौ प्रतिशत सुरक्षित नहीं मानी जाती है, क्योंकि किसी भी समय गलती की संभावना काफी रहती है। ट्रक स्कैनर लगने से कस्टम विभाग को काफी राहत मिलेगी और रैमजिंग करने वाली टीम की परेशानी काफी हद तक कम हो जाएगी, क्योंकि यदि कस्टम की रैमजिंग से कोई नशीली वस्तु निकल जाए और आगे जाकर कोई दूसरी एजैंसी उसको पकड़ ले तो सीधी कार्रवाई रैमजिंग करने वाले अधिकारियों पर हो जाती है।

पाकिस्तान ने लगा रखे हैं दो-दो ट्रक स्कैनर
कितनी लापरवाही व हैरानी की बात है कि भारत सरकार ने 150 करोड़ रुपए की लागत से 120 एकड़ जमीन पर आई.सी.पी. अटारी का निर्माण करवा दिया, लेकिन आई.सी.पी. पर ट्रक स्कैनर ही नहीं लगाया। ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई व्यक्ति एक आलीशान घर का निर्माण कर ले, लेकिन उस घर में दरवाजा ही नहीं लगाया जाए।

इसकी तुलना पाकिस्तान जैसे देश जो लगातार भारत में आतंकी घुसपैठ करवा रहे हैं और हैरोइन जैसे नशीले पदार्थों का दरिया भारत में बहाना चाहते हैं ऐसे देश ने अपनी आई.सी.पी. में दो ट्रक स्कैनर लगा रखे हैं। भारतीय आई.सी.पी. से पाकिस्तानी आई.सी.पी. पर जाने के रास्ते में एक स्कैनर लगा हुआ है और एक स्कैनर पाकिस्तानी साइड से भारतीय आई.सी.पी. में आने वाले रास्ते पर लगाया गया है। फिलहाल आई.सी.पी. अटारी बार्डर में ट्रक स्कैनर लगने से सुरक्षा एजैंसियों को काफी राहत मिलेगी और व्यापारियों को भी काफी राहत मिलेगी।

आई.सी.पी. पर टी.एफ.ए. को लेकर कस्टम ने की बैठक
ट्रेड फैसीलिटेशन एग्रीमैंट को लेकर आज कस्टम विभाग की तरफ से आई.सी.पी. पर तैनात सभी एजैंसियों, आयातकों व निर्यातकों के साथ बैठक की गई। जानकारी के अनुसार डिप्टी कमिश्नर कस्टम बलविन्द्र सिंह धालीवाल की अगुवाई में की गई उक्त बैठक में कस्टम अधिकारियों ने व्यापारियों को विश्व व्यापार के तहत किए गए एग्रीमैंट संबंधी जानकारी दी और आयात-निर्यात को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जागरूक किया है। व्यापारियों को बताया गया है कि विश्व स्तर पर कारोबार को उत्साहित करने के लिए टी.एफ.ए. शुरू किया गया है।
 

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