कीड़े पड़ने से बुजुर्ग की मौत पर फूटा लोगों का गुस्सा, उच्च पदों पर विराजमान परिवार को समाज मार रहा त

Edited By Vaneet,Updated: 19 Aug, 2020 06:06 PM

elderly mother died due to worms

मां अपने बच्चों की खुशी के लिए जिंदगी की हर खुशी कुर्बान कर देती है और लेकिन यही बच्चे जब बड़े होते हैं तो अभिभावकों को उम्मीद होती है कि...

जलालाबाद(सेतिया): मां अपने बच्चों की खुशी के लिए जिंदगी की हर खुशी कुर्बान कर देती है और लेकिन यही बच्चे जब बड़े होते हैं तो अभिभावकों को उम्मीद होती है कि ये बच्चे हमारी जिंदगी का सहारा बनेंगे लेकिन वर्तमान समय के अंदर कलयुगी औलाद के अंदर अपने परिजनों के प्रति जिम्मेवारी खत्म होती दिखाई दे रही है। जिसकी मिसाल विगत श्री मुक्तसर साहिब रोड पर लावारिस हालत में 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की हुई मौत से लगाई जा सकती है। इस बुजुर्ग महिला की मौत ने लोगों के दिलों में ऐसी चोट मारी है कि लोक उस मां के परिवार वालों व रिश्तेदारों को लाहनते दे रहे हैं।

जानकारी अनुसार उक्त बुजुर्ग महिला बूड़ा गुज्जर रोड पर मिट्टी के गारे की खड़ी की 2-2 फीट की दीवारों के सहारे दिन काट रही थी और हालात इतने बुरे हो गए थे कि महिला के शरीर पर कीड़े पडऩे शुरू हो गए थे। जिसके बाद समाज सेवी संस्थाओं द्वारा इस बुजुर्ग महिला को अस्पताल में दाखिल करवाया गया लेकिन वहां उसकी मौत हो गई। यहां बता दें कि बुजुर्ग महिला के बेटे बड़े-बड़े पदों पर तैनात थे और एक बेटा एक्साइज विभाग में रिटायर हो चुका है और दूसरा राजनीतक पार्टी से जुड़ा था जबकि बेटी शिक्षा विभाग में तैनात है और पौती पीसीएस एसडीएम फरीदकोट जिले में लगी है। इनते बड़े पदों पर बिराजमान परिवार द्वारा एक बुजुर्ग महिला की संभाल न करना कहीं न कहीं इंसानी कदरों कीमतों को मारने वाली बात है। यहीं नहीं बेटी का मां के प्रति काफी लगाव होता है और अगर बेटी पराए घर भी चली जाए तो उसे मां की फिक्र रहती है लेकिन इसके उल्ट बुजुर्ग महिला की संभाल के लिए बेटी ने कोई कदम नहीं उठाया और दूसरी ओर उच्च पदों पर विराजमान पौती ने भी अपनी दादी की रखवाली को नजर अंदाज कर दिया। इस सबंधी पंजाब केसरी द्वारा शहर के समाज सेवियों के साथ बातचीत की गई।

इस सबंधी बार एसोसिएशन जलालाबाद के अध्यक्ष सकेत बजाज ने बताया कि पता लगा है कि उक्त बुजुर्ग महिला का सारा परिवार पढ़ा लिखा है और उच्च पदों पर बिराजमान है और ऐसी घटना समाज के लिए कलंक और निंदनीय है क्योंकि एसडीएम जैसे पद पर बैठ कर न्याय देना एक जिम्मेवारी है और उक्त बुजुर्ग की रिश्तेदार पौती एसडीएम जो कि अबोहर में तैनात है। काफी अखबारों की सुर्खियों में रही है लेकिन पिछले दिनी उनकी दादी की दर्दनाक तरीके के साथ हुई मौत ने समाज को झिंझोर कर रख दिया है और इसके इलावा उक्त परिवार के लिए बड़ी लाहनत से कम नहीं है क्योंकि मौजूदा एसडीएम फरीदकोट जो कि अपनी दादी को संभाल नहीं सकी और उसके अंतिम संस्कार पर नहीं पहुंची और आम जनता उनसे न्याय की क्या उम्मीद रखेगी। सरकार को चाहिए कि ऐसे मामलों में नैतिकता के आधार पर सरकार को ऐसे अफसरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। 

संत कबीर गुरूकुल स्कूल की प्रिंसीपल मैडम अरचना गाबा का कहना है कि सड़क किनारे एक बुजुर्ग महिला की इतनी बुरी हालत में रहना और बाद में मौत होना हमारे प्रशासनिक ढांचे पर सवाल खड़े करता है और हमारी मानवता के लिए असफलता है। भले ही इस के लिए जिम्मेवार परिवार दुनिया में पूरी तरह शर्मिंदा हो चुका है लेकिन परमात्मा के घर में उन्हें सजा जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि बच्चों की ख्वाइशें पूरी करने की बजाए उन्हें अच्छे संस्कार दें और शिक्षा पर जोर दें ताकि जब वे अपने पैरों पर खड़े हो तो खुद ख्वाइशें पूरी कर सकें। उन्होंने कहा कि जो बच्चा खुद मेहनत करके आगे बढ़ेगा और उससे संस्कार मिले होंगे तो वे अपने अभिभावकों की भी सम्मान भी रखेगा। 

अर्चना गाबा प्रिंसीपल संत कबीर गरूकुल स्कूल जलालाबाद
इस सबंधी और भी बुद्धिजीवियों ने अपने विचार दिए, फिलहाल वे बुजुर्ग मां इस दुनिया से जा चुकी है पर जो लाहनतें इस परिवार को समाज दे रहा है उसे लंबे समय तक भुगतनी पड़ेगी और अन्य लोगों को भी सबक लेना चाहिए जो लोग अपने माता-पिता को इस तरह छोड़ देते हैं।

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