भदरोआ क्षेत्र बना ‘चिट्टे’ का अभेद्य किला, पुलिस प्रशासन निष्क्रिय

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Aug, 2017 09:51 AM

drug area in pathankot

पिछले एक दशक दौरान गुरुओं, पीर-फकीरों एवं शूरबीरों की भूमि कहलाने वाला पंजाब नशों, विशेषकर ‘चिट्टे’ की शरणस्थली के रूप में कुख्यात होकर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम व कुख्यात हो गया है। राज्य में नशों का छठा दरिया बहने से राज्य की...

पठानकोट(शारदा): पिछले एक दशक दौरान गुरुओं, पीर-फकीरों एवं शूरबीरों की भूमि कहलाने वाला पंजाब नशों, विशेषकर ‘चिट्टे’ की शरणस्थली के रूप में कुख्यात होकर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम व कुख्यात हो गया है। राज्य में नशों का छठा दरिया बहने से राज्य की तीन-चौथाई युवा एवं पुरुष आबादी चिट्टे की जद में आकर नशों की दलदल में गले-गले तक डूबी हुई है लेकिन पुलिस प्रशासन निष्क्रिय है, वहीं अब पंजाब का पड़ोसी राज्य देवभूमि हिमाचल प्रदेश भी चिट्टे की चपेट में है। 

छोटे-मोटे नशा तस्करों के रूप में शुरू हुआ यह सिलसिला मौजूदा समय में नगर से महज कुछ किलोमीटर पर सटे एवं हिमाचल प्रदेश के  अधिकार क्षेत्र में आता भदरोआ क्षेत्र इन दिनों चिट्टे के अभेद्य गढ़ के रूप में कुख्यात हो रहा है। इस क्षेत्र में कुछेक नहीं अपितु दर्जनों नशा तस्कर सक्रिय हैं। चक्की खड्ड के पार स्थित पुल से शुरू होकर आग डेढ़ किलोमीटर की भदरोआ क्षेत्र की पट्टी तो नशों की बिक्री के लिए हॉट-लाइन बनी हुई है जहां हर रोज अपुष्ट आंकड़ों के अनुसार लाखों का कारोबार होता है और भारी खेप भी इस क्षेत्र में प्रतिदिन पहुंचती है।

आलम यह है कि पौ फटते ही इस क्षेत्र में पंजाब सहित दूर-दराज के क्षेत्रों से नशों की लत के आदी, विशेषकर युवा, इस क्षेत्र में पैदल या दोपहिया और चौपहिया वाहनों में सवार होकर पहुंच बना लेते हैं तथा चक्की खड्ड से सटे कच्चे-पक्के घरों में चिट्टे की बिक्री शुरू हो जाती है। सुबह 5 बजे से शुरू हुआ यह सिलसिला शाम ढलते तक हीं नहीं अपितु रात्रि 12 बजे दूसरा दिन शुरू होने तक चलता रहता है। ग्राहकों की भीड़ किसी भी समय कम नहीं होती। मौसम चाहे आंधी का हो या मूसलाधार बरसात का, ‘चिट्टे’ का कारोबार हर मौसम में गुलजार रहता है तथा नशेडिय़ों व तस्करों के बीच सामंजस्य हर समय बना रहता है।

हालांकि पुलिस दावे कर रही है कि समय-समय पर इस क्षेत्र में व्यापक स्तर पर छापेमारी की जाती है तथा लिप्त तस्करों पर मुकद्दमे भी दर्ज किए गए हैं परन्तु आम जनता का मानना है कि पुलिस की कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरे तुल्य है क्योंकि चिट्टे का व्यापक जाल बिछ चुका है, जिसे तोडऩे के लिए अब प्रदेश सरकार को राज्यव्यापी कार्रवाई करनी होगी। जानकारी अनुसार पंजाब के गुरदासपुर, होशियारपुर आदि जिलों सहित जम्मू-कश्मीर के कठुआ व आगे के क्षेत्रों के नशेड़ी भी इस क्षेत्र में आमद करते हैं। आज पंजाब व हिमाचल पुलिस द्वारा संयुक्त सर्जीकल स्ट्राइक की दरकार है।

एस.पी. गांधी ने की थी सर्जीकल स्ट्राइक
 वर्णनीय है कि एस.पी.कांगड़ा संजीव गांधी ने जब इस क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक का पदभार संभाला तो उन्होंने नशों के लिए कुख्यात इस गढ़ को ध्वस्त करने के लिए व्यापक मुहिम छेड़ी थी तथा भदरोआ क्षेत्र सहित कई स्थानों पर सर्जीकल स्ट्राइक करके कई स्थल ध्वस्त कर दिए थे परन्तु उनका कुछ समय पहले तबादला होने से पुलिस की नशा विरोधी मुहिम के पहिए थम गए हैं। चिट्टे के गढ़ में फिर से सर्जीकल स्ट्राइक की मांग बलवती हो रही है क्योंकि इस क्षेत्र में धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहे हैं जहां यह गोरखधंधा फलीभूत होता चला जाएगा।

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