Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Oct, 2017 05:43 PM
भारत-पाक सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) द्वारा सतर्कता बढ़ाने तथा अधिक जवानों की तैनाती करने के बाद से सीमा पार से हो रही हैरोइन की तस्करी में कमी दर्ज की गई है। 2015 में पाकिस्तान से आई 344 किलो हैरोइन पकड़ी गई थी जबकि 2016 में यह मात्रा 231...
जालंधर धवन): भारत-पाक सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) द्वारा सतर्कता बढ़ाने तथा अधिक जवानों की तैनाती करने के बाद से सीमा पार से हो रही हैरोइन की तस्करी में कमी दर्ज की गई है। 2015 में पाकिस्तान से आई 344 किलो हैरोइन पकड़ी गई थी जबकि 2016 में यह मात्रा 231 किलो थी। इस वर्ष हैरोइन की मात्रा कम होकर 167 किलो रह गई है।
सरकारी हलकों ने बताया कि सीमा पर जवानों को निर्देश दिए गए हैं कि सीमा पार से कोई भी संदिग्ध वस्तु लेकर आ रहे लोगों को सीधे मौके पर ही गोली मार दी जाए। इससे नशा तस्करों में खौफ पैदा हुआ है। दूसरी ओर पंजाब सरकार द्वारा नशों के खिलाफ चलाई गई मुहिम के कारण भी तस्करों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव बढ़ा है। एस.टी.एफ. (स्पैशल टास्क फोर्स) के ए.डी.जी.पी. हरप्रीत सिद्धू ने कहा कि पंजाब में नशों का बाजार लगातार सिकुड़ रहा है। इससे भी सीमा पार से आने वाली हैरोइन की मात्रा कम हुई है।
पंजाब के अंदरूनी क्षेत्रों में सरकार ने सभी पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नशों के मामलों में किसी भी सियासी दबाव में आए बिना सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पार से हैरोइन की सप्लाई की मात्रा घटने का एक कारण यह भी है कि नशा तस्कर भूमिगत हो गए हैं तथा ड्रग्स की सप्लाई करने वाले लोग अपना बचाव करने में लगे हुए हैं।
बी.एस.एफ. के आला अधिकारियों का मानना है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा राज्य में पिछले 6 माह में शुरू किए गए एंटी ड्रग कम्पेन के कारण भी नशा तस्करों की दिलचस्पी पंजाब से हटी है। जब राज्य में नशीले पदार्थों की मांग ही नहीं होगी तो फिर सप्लाई करने वाले दूसरा बाजार ढंूढना शुरू कर देते हैं इसलिए नशों के खिलाफ मुहिम को पंजाब सरकार को लगातार और मजबूती से जारी रखना होगा। बी.एस.एफ. भी सीमा पर लगातार गश्त कर रही है। आने वाले दिनों में नशों के खिलाफ मुहिम में और तेजी आएगी।