बसपा-अकाली दल गठबंधन पर फैसला 18 को, मीटिंग के लिए प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली रवाना

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 16 Jan, 2024 10:59 PM

decision on bsp and akali dal alliance on 18th

पंजाब की राजनीति में बीते दिन बसपा प्रदेश अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी का बयान मीडिया में छपा था कि हम अब अकाली दल बादल के साथ राजनीतिक रिश्ते नहीं रखेंगे क्योंकि अकाली दल बसपा को नजर अंदाज कर रहा है तथा बसपा अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि वे जालंधर व...

बलाचौर (ब्रह्मपुरी) :  पंजाब की राजनीति में बीते दिन बसपा प्रदेश अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी का बयान मीडिया में छपा था कि हम अब अकाली दल बादल के साथ राजनीतिक रिश्ते नहीं रखेंगे क्योंकि अकाली दल बसपा को नजर अंदाज कर रहा है तथा बसपा अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि वे जालंधर व होशियारपुर लोकसभा सीटों पर बीएसपी उम्मीदवार ही चुनाव लड़ेंगे। इस बात से अकाली दल बादल में सियासी भूचाल आ गया और इसके बाद अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने बयान देकर ये कहा कि बसपा अध्यक्ष के उक्त बयान से बसपा-गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। चीमा ने यह भी कहा कि हमारी पार्टी एनडीए और इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है, इसलिए बीएसपी के साथ हमारी सांझेदारी जारी रहेगी।

वहीं कल अकाली दल पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी माघी मेले में बयान दिया था कि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी का नाखून-मांस का रिश्ता है, लेकिन जब उक्त बयानबाजी के मामले को लेकर बसपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ फोन पर संपर्क करके पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले जो कहा था वह सही थी कि गठजोड़ को कायम रखने के लिए कभी गठजोड़ की कोई भी मीटिंग करना अकाली दल ने वाजिब नहीं समझा जबकि संगरुर व जालंधर उप चुनाव में बसपा ने अकाली दल की डट कर मदद की थी।

जब प्रदेश अध्यक्ष से पूछा गया कि कल बसपा सुप्रीमो की बहन कुमारी मायावती ने भी लखनऊ में देश में अकेले लडऩे की घोषणा की थी कि यह घोषणा केवल पंजाब के लिए होगी, तो बसपा के प्रदेश अध्यक्ष जसवीर गढ़ी ने कहा कि उनकी दिल्ली में पंजाब के मसले पर विशेष बैठक मायावती ने 18 को दिल्ली में बुलाई है। उस दिन यह फैसला अकाली बसपा गठबंधन का हो जाएगा। गढ़ी ने बसपा अकाली गठबंधन टूटने के भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि पंजाब में बसपा मजबूत स्थिति में है। बल्कि अन्य पार्टियों को इस समय बसपा की जरुरत है। इसलिए ही इंडिया गठबंधन या एनडीए गठजोड़ को बसपा सुप्रीमो ने तिलांजलि दी है। 

आज प्रदेश अध्यक्ष 18 जनवरी को दिल्ली में होने वाली बैठक के लिए रवाना हो गये। पंजाब के बाकी राजनीतिक दल भी बसपा-अकाली गठबंधन टूटने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि अकाली दल बसपा के सहयोग से ही विधानसभा की तीन सीटें जीत सका था, एक सीट बसपा ने नवांशहर की जीती थी।
लेकिन एक बात तो तय है कि अगर बसपा अकाली गठबंधन बना तो बसपा जालंधर और होशियारपुर लोकसभा सीटें अपने खाते में लेकर चुनाव लड़ेगी। बसपा अब आगे व अकाली दल पीछे वाली स्थिति बसपा के प्रदेश अध्यक्ष के बयान से साफ झलकने लगी है। 

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