Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Mar, 2018 05:14 PM
आजकल पंजाबी सभ्याचार और पंजाबी लोक गायकी लुप्त हो रही है। लच्चर गायकी द्वारा पंजाब और पंजाबी विरसे का मजाक बनाया जा रहा है। इस तरह की गायकी हमें परोसी जा रही है, जिसे परिवार में बैठ कर नहीं सुना जा सकता। कई गीतों में हथियारों का प्रयोग होता है।...
जालंधरः आजकल पंजाबी सभ्याचार और पंजाबी लोक गायकी लुप्त हो रही है। लच्चर गायकी द्वारा पंजाब और पंजाबी विरसे का मजाक बनाया जा रहा है। इस तरह की गायकी हमें परोसी जा रही है, जिसे परिवार में बैठ कर नहीं सुना जा सकता। कई गीतों में हथियारों का प्रयोग होता है। पंजाबी विरसे और पंजाबी बोली के लिए कई लोग आवाज उठा चुके हैं।
इसी गायकी के खिलाफ क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी सवाल उठाए। पंजाब केसरी के विशेष कार्यक्रम जनता दरबार में उन्होंने कहा कि अच्छी गायकी लुप्त हो चुकी है। उन्होंने दलजीत दोसांझ के गाने जित्थे हूंदी है पाबंदी हथियार दी उत्थे जट फैर करदा...पर कटाक्ष करते कहा कि जरूरी नहीं गानों में लड़ाई-झगड़े को प्रमोट किया जाए। गानों में जो छवि जाटों की दिखाई जा रही है,वो गलत है। जाट किसान भी हैं। उनकी बात क्यों कोई नहीं की जाती। उन्होंने गायकों से साफ सुथरे गाने गाकर खुशहाल पंजाब का प्रचार करने को कहा है।