Edited By Updated: 19 May, 2017 11:00 AM
पंजाब में अमरेन्द्र मंत्रिमंडल में जून के शुरू में होने वाले विस्तार पर राज्य भर के कांग्रेसियों की निगाहें टिकी हुई हैं। 16 मार्च को जब मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने शपथ ग्रहण की थी तो उस समय केवल कुछ ही मंत्री बनाए गए थे।
जालंधर (धवन): पंजाब में अमरेन्द्र मंत्रिमंडल में जून के शुरू में होने वाले विस्तार पर राज्य भर के कांग्रेसियों की निगाहें टिकी हुई हैं। 16 मार्च को जब मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने शपथ ग्रहण की थी तो उस समय केवल कुछ ही मंत्री बनाए गए थे। इस समय मंत्रियों के पास कई-कई विभाग हैं। मुख्यमंत्री ने इशारा दिया था कि जून के पहले सप्ताह में मंत्रिमंडल में विस्तार हो सकता है। वैसे कै. अमरेन्द्र सिंह बजट सत्र शुरू होने से पहले अपने मंत्रिमंडल में विस्तार करने के इच्छुक हैं तथा इसे लेकर वह जल्द ही कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ चर्चा करने वाले हैं। कैप्टन के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार के समय शामिल किए जाने वाले विधायकों को लेकर कैप्टन द्वारा अपनाए जाने वाले फार्मूले की तरफ भी कांग्रसियों की नजरें लगी हुई हैं।
कांग्रेसी हलकों ने बताया कि चाहे कै. अमरेन्द्र सिंह ने कहा है कि मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले विधायकों की सूची राहुल गांधी तैयार करेंगे परंतु कांग्रेसियों का मानना है कि कै. अमरेन्द्र सिंह की सलाह से ही नए मंत्री बनने हैं इसलिए मंत्री बनने के इच्छुक विधायकों द्वारा दिल्ली दरबार के चक्कर लगाने की बजाय कैप्टन को रिझाने की कोशिशें की जा रही हैं। पहली बार मंत्रिमंडल का गठन करते समय कै. अमरेन्द्र सिंह ने वरिष्ठता के आधार पर मंत्रियों को शामिल किया था। अब भी कैप्टन द्वारा मंत्रिमंडल का विस्तार करते समय दोआबा, माझा व मालवा में संतुलन बनाने की पूरी कोशिशें की जाएंगी। इतना अब जरूर है कि कुछ युवा चेहरों को भी मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है।
कैप्टन स्वयं युवाओं को आगे लाने की वकालत करते आ रहे हैं। अब मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ युवाओं को स्थान दिया जा सकता है जबकि कुछ युवा चेहरों को संसदीय सचिवों की नियुक्तियां करते समय स्थान दिए जाने के आसार हैं। यह भी कहा जा रहा है कि वरिष्ठता के पैमाने को मंत्रिमंडल विस्तार के समय भंग किए जाने के आसार नहीं हैं। कुल मिलाकर नए बनने वाले मंत्रियों को लेकर रेस शुरू हो चुकी है। कैप्टन मंत्री पद के लिए विधायकों का चयन करते समय उनकी निष्ठा को भी ध्यान में रखेंगे। किसी विरोधी धड़े को ज्यादा प्रोत्साहित करने के आसार नहीं हैं।