Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 09:37 AM
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से मांग की है कि अनुसूचित जातियों व गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे अन्य वर्गों के लोगों को 200 यूनिट तक नि:शुल्क बिजली की सुविधा को बहाल रखा जाए।
चंडीगढ़ (शर्मा): पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से मांग की है कि अनुसूचित जातियों व गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे अन्य वर्गों के लोगों को 200 यूनिट तक नि:शुल्क बिजली की सुविधा को बहाल रखा जाए।
खैहरा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि सरकार द्वारा गत 17 अक्तूबर को जारी उन निर्देशों को वापस लिया जाए जिनमें इन वर्गों की 200 यूनिट तक की खपत का लाभ उठाने के लिए शर्तें लगाई गई हैं। गत 1 नवम्बर से प्रभावी हो चुके इन निर्देशों के अनुसार अब उक्त लोग नि:शुल्क बिजली का लाभ तभी उठा सकेंगे यदि पिछले वर्ष के दौरान उनकी कुल बिजली खपत 3,000 यूनिट से कम होगी। इसके अलावा इन उपभोक्ताओं को मंजूर बिजली लोड भी 1 किलोवाट से अधिक नहीं होना चाहिए।
खैहरा ने कहा है कि 1 किलोवाट बिजली लोड की सीमा बहुत कम है और इस शर्त से आधे से अधिक गरीब परिवार इस सुविधा से वंचित हो जाएंगे।
खैहरा ने आरोप लगाया है कि सरकार गरीबों का गला घोंट कर पैसा बचाकर अपने सलाहकारों व ओ.एस.डी. पर फिजूल खर्च करना चाहती है। राज्य में भू-जल का स्तर गिरने के कारण सबमर्सीबल पम्पों के लिए 1 किलोवाट का लोड नाकाफी है। यदि सरकार ने यह सीमा नहीं बढ़ाई तो गरीब वर्ग के लिए पेयजल प्राप्त करना भी मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव पूर्व कांगे्रस गरीबों को प्रदान की जा रही सुविधा में बढ़ौतरी करने का वायदा कर रही थी लेकिन सत्ता प्राप्ति के बाद अब पहले से दी जा रही सुविधाओं को वापस लिया जा रहा है। खैहरा ने इन उपभोक्ताओं के लिए खपत 3,000 यूनिट की शर्त को समाप्त करने व बिजली लोड 3 किलोवाट करने की मांग की है।