Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 07:55 PM
पहले राणा गुरजीत सिंह की कैबिनेट से छुट्टी और इसके बाद सुरेश कुमार की चीफ प्रिंसीपल सैक्रेटरी से छुट््टी के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह पूरी तरह से बैकफुट पर हैं। भविष्य में सरकार की और किरकिरी न हो, इससे बचने के लिए अब वह फूंक-फूंक...
जालंधर(रविंदर शर्मा) : पहले राणा गुरजीत सिंह की कैबिनेट से छुट्टी और इसके बाद सुरेश कुमार की चीफ प्रिंसीपल सैक्रेटरी से छुट््टी के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह पूरी तरह से बैकफुट पर हैं। भविष्य में सरकार की और किरकिरी न हो, इससे बचने के लिए अब वह फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।
एक तरफ जहां कै. अमरेंद्र सिंह की कोशिश है कि सुरेश कुमार को किसी तरह से वापस लाया जाए, वहीं सरकार के लिए लगातार बोझ बन रहे ओ.एस.डी. व सलाहकारों की फौज को कम किया जाए, क्योंकि ये ओ.एस.डी. व सलाहकार लगातार सरकार की किरकिरी करवाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। जल्दी ही सी.एम. के खेमे से कई ओ.एस.डी. की छुट्टी हो सकती है। मार्च 2017 में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने विधायकों को मान-सममान न देकर अपनी खासमखास जुंडली को ज्यादा तरजीह दी थी। यही कारण रहा कि आज तक कैप्टन अपनी सरकार का कैबिनेट तक पूरा नहीं कर पाए हैं। मगर सरकार बनते ही कैप्टन ने अपने आसपास सलाहकारों व ओ.एस.डी. की बड़ी फौज जरूर जमा कर ली थी। ये ओ.एस.डी. व सलाहकार लगातार सरकार पर बोझ बने हुए हैं।
कई बार तो इनके कारण सी.एम. आफिस की खासी फजीहत हो चुकी है और विपक्ष के हाथ कई बार मुद्दा आ चुका है। कैप्टन अब अपनी सरकार की साख सुधारने के लिए लंबा-चौड़ा रद्दोबदल करने जा रहे हैं। कैबिनेट विस्तार से पहले वह कई ओ.एस.डी. व सलाहकारों की छुट्टी करना चाहते हैं। इसके लिए सी.एम. आफिस ने सभी सलाहकारों व ओ.एस.डी. की पिछले 10 महीनों के कामकाज की रिपोर्ट भी तलब की है। रिपोर्ट के बल पर देखा जाएगा कि किस-किस ओ.एस.डी. की क्या परफार्मैंस रही और सरकार व प्रदेश के प्रति उनकी क्या भूमिका रही। परफार्मैंस में फिसड्डी रहने वाले व लगातार राजनीतिक चालें चलने वाले कई ओ.एस.डी. व सलाहकारों की जल्द ही छुट्टी होना तय है।
कैबिनेट विस्तार के लिए बनने लगी लिस्ट
लुधियाना नगर निगम चुनाव के बाद पंजाब सरकार अपने कैबिनेट में विस्तार कर सकती है। राणा गुरजीत सिंह की छुट्टी होने के बाद कैप्टन की टीम अधर में लटक रही है। कई विभाग ऐसे हैं, जिनमें काम ही नहीं हो पा रहा है और फाइलों का अम्बार लगता जा रहा है। इसको देखते हुए कैबिनेट विस्तार के लिए सी.एम. आफिस से लिस्ट तैयार होनी शुरू हो गई है, जिसमें माझा, दोआबा व मालवा के समीकरणों समेत जाति व अन्य चीजों को फिट किया जा रहा है। अब देखना होगा कि नई कैबिनेट में किस-किस की लाटरी निकलती है।