Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 02:55 PM
जिला टास्क फोर्स कमेटी की 3 विभिन्न टीमों में शामिल अधिकारियों ने महानगर के दर्जनों व्यापारिक एवं औद्योगिक परिसरों पर छापेमारी करके 18 मासूमों को बाल मजदूरी के संताप से आजादी दिलवाई। छापेमारी के दौरान छुड़ाए गए अधिकतर बच्चे बंधुआ बाल मजदूर बताए जा...
लुधियाना(खुराना): जिला टास्क फोर्स कमेटी की 3 विभिन्न टीमों में शामिल अधिकारियों ने महानगर के दर्जनों व्यापारिक एवं औद्योगिक परिसरों पर छापेमारी करके 18 मासूमों को बाल मजदूरी के संताप से आजादी दिलवाई। छापेमारी के दौरान छुड़ाए गए अधिकतर बच्चे बंधुआ बाल मजदूर बताए जा रहे हैं और सभी बच्चों की उम्र 8 से लेकर 18 वर्ष के बीच होने की आशंका बनी हुई है। इनमें से ज्यादातर बच्चों से 11 घंटे मजदूरी करवाने की एवज में मालिकों द्वारा सप्ताह में महज 100 रुपए का मेहनताना दिया जा रहा था।
जानकारी के मुताबिक जिला टास्क फोर्स टीम नंबर-3 को नायब तहसीलदार व असिस्टैंट डायरैक्टर ऑफ फैक्टरीज नरिंद्रपाल सिंह बड़ी संख्या में एंटी ह्यूमन टै्रफिकिंग पुलिस जवानों के साथ लीड कर रहे थे। इस टीम ने बस्ती जोधेवाल के नजदीक पड़ती 2 विभिन्न फैक्टरियों पर कार्रवाई करते हुए 11 मासूम बच्चों को बाल मजदूरी की कैद से निजात दिलाई। वहीं टीम नंबर-2 के अधिकारियों ने गुरु तेग बहादुर अस्पताल के निकट पड़ती दुकानों पर धावा बोलते हुए 6 बच्चों तथा टीम-1 के इंस्पैक्टर हरदेव सिंह ने कैलाश नगर इलाके से 1 बाल मजदूर को रिहा करवाया।
अधिकारियों के मुताबिक आरोपी फैक्टरी मालिकों पर बंधुआ बाल मजदूरी के अंतर्गत कानूनी व विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। वहीं बच्चों का सिविल अस्पताल में डाक्टरी चैकअप करवाने के बाद उन्हें सी.डब्ल्यू.सी. कमेटी ने विभागीय कार्रवाई करते हुए बालगृह भेज दिया है।