Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Sep, 2017 09:11 AM
किसी की गलती की सजा देना या उसे नौकरी से निकालना परिवार को भारी पड़ सकता है, ऐसा ही संत कबीर स्कूल के चेयरमैन प्रो. एम.एल. अरोड़ा के साथ हुआ। उनके स्कूल में आर्ट एंड क्राफ्ट के अध्यापक जैदेव सिंह..............
बठिंडा (विजय): किसी की गलती की सजा देना या उसे नौकरी से निकालना परिवार को भारी पड़ सकता है, ऐसा ही संत कबीर स्कूल के चेयरमैन प्रो. एम.एल. अरोड़ा के साथ हुआ। उनके स्कूल में आर्ट एंड क्राफ्ट के अध्यापक जैदेव सिंह ने चेहरा छुपाकर लड़कियों के कमरे में घुसने की कोशिश की थी, शोर मचाने पर वह भाग खड़ा हुआ जब चेहरे से नकाब हटा तो सामने जैदेव सिंह था। स्कूल के प्रबंधकों ने आपातकालीन बैठक कर जैदेव को नौक री से निकाल दिया, जिससे उसे अपने किए की सजा मिली।
शर्मसार हुए जैदेव ने बदला लेने की सोची जिसके लिए उसने 8 महीने गुजार दिए। प्रो. अरोड़ा का कहना है कि वह अपने स्कूल का अनुशासन कभी भंग नहीं होने देते, लेकिन उन्हें मालूम नहीं था कि उन्हीं का अध्यापक उसके पोते सौमिल अरोड़ा का अपहरण कर सकता है।
कुटी गांव के लोगों की हिम्मत से आरोपी किए काबू
अगर कुटी गांव के लोग हिम्मत न दिखाते और आरोपियों को न पकड़ते तो कोई भी अनहोनी हो सकती थी। गांव कुटी निवासी हरपिंद्र सिंह ने बताया कि वह एक दुकान पर बैठा था, तभी उसके दोस्त हरप्रीत का फोन आया कि जल्द पहुंचे कि एक बच्चे को कुछ लोग खींच कर ले जा रहे हैं। उसने तुरंत घटना स्थल पर पहुंचकर देखा तो वहां सफेद रंग की कार धान के खेेतों में फंसी हुई थी, जिसमें एक बच्चा ‘बचाओ-बचाओ’ चिल्ला रहा था व कार से निकलकर एक युवक बच्चे को खींच कर भागने लगा तो उन्हें शक पड़ा।
उन्होंने घेर कर आरोपी को अपने कब्जे में कर लिया, तब उसने बताया कि यह बच्चे को अपहरण करके लाए हैं। बच्चे ने भी रोते हुए अपनी दास्तां बताई तो मौके से जैदेव को काबू कर लिया गया। तभी थानेदार बुध सिंह अपने पुलिस कर्मियों के साथ पहुंचा और आरोपियों को उनके हवाले कर दिया। दूसरा आरोपी चकमा देकर भाग गया, जिससे कुछ दूरी पर ही खेतों में काम कर रहे किसानों ने काबू कर पुलिस के हवाले कर दिया। गांव वासियों का कहना है कि पुलिस यूं ही अपनी पीठ थपथपा रही है, जबकि गांव कुटी के लोगों ने ही आरोपियों को पकड़ा जिसकी वीडियो भी उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल की।
आरोपी 5 दिन के पुलिस रिमांड पर
छात्र के अपहरण का मामला थाना संगत में विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया, जिसमें ईरादा-ए-कत्ल का मामला भी दर्ज कर लिया गया। थाना संगत प्रभारी परमजीत सिंह डोड ने बताया कि इस मामले की जांच थाना रामां के इंस्पैक्टर सुखजीत सिंह कर रहे हैं। थाना रामा प्रभारी सुखजीत सिंह ने बताया कि आरोपी जैदेव सिंह व बलजीत कुमार को मुख्य दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया जहां माननीय न्यायाधीश ने उन्हें 5 दिन का पुलिस रिमांड दिया। आरोपियों से पूछताछ की जाएगी व उनसे बरामद हथियारों के बारे में जानकारी हासिल की जाएगी। कहना मुश्किल होगा कि आरोपियों ने पैसे के लिए अपहरण किया या बदले के लिए, पूछताछ के दौरान सभी राज उगलवाए जाएंगे।
बदले की भावना से किया बच्चे का अपहरण, मांगे थे 50 लाख रुपए
नौकरी से निकाले जाने से खफा पूर्व अध्यापक जैदेव सिंह ने बदले की भावना के चलते सोमिल अरोड़ा का अपहरण किया, जबकि उसके साथी बलजीत कुमार ने बार-बार फोन कर 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी। उक्त दोनों आरोपियों ने कई दिन तक छात्र की रैकी भी की, यहां तक कि वे सेंट कबीर स्कूल से लेकर प्रो. एम.एल. अरोड़ा के घर तक कई चक्कर लगा चुके थे। आरोपियों ने अरोड़ा के घर से लेकर सेंट जोसफ स्कूल तक भी कई चक्कर लगा कर स्थिति को भांपा और घटना को अंजाम दिया। पुलिस द्वारा प्राथमिक पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी जैदेव सिंह ने माना कि वह दिल का रोगी है ईलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं थे, बच्चे का अपहरण कर वह अपना ईलाज करवाना चाहता था।
पुलिस की लापरवाही आई सामने
बेशक पुलिस ने गांव वासियों की सहायता से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया व पत्रकार सम्मेलन में आरोपियों को पेश भी किया गया, लेकिन काले कपड़े से उनके मुंह ढंके हुए थे। आखिर वह कौन लोग थे, कुछ समझ नहीं आ रहा। पुलिस द्वारा जारी की गई क्र ाइम रिपोर्ट में दर्शाया गया कि आरोपी फरार हैं, जबकि मुख्य आरोपी जैदेव को नामजद किया गया दूसरे को अज्ञात लिखा गया। पुलिस द्वारा अपनी वैबसाइट पर भेजी गई क्राइम रिपोर्ट में लिखा कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई, जबकि पुलिस आरोपियों का 5 दिन का रिमांड भी ले चुकी है।