फिर तूल पकडऩे लगा मंत्री चन्नी द्वारा महिला IAS अधिकारी को भेजे आपत्तिजनक मैसेज का मामला, गिर सकती है गाज

Edited By Vatika,Updated: 17 May, 2021 01:17 PM

charanjit singh channi molestation case

महिला उत्पीड़ऩ के मामले में हाल ही में कर्नाटक के मंत्री रमेश जर्कीहोली व महाराष्ट्र के मंत्री संजय राठौड़़ को कैबिनेट

पटियाला/चंडीगढ़(राजेश पंजौला): महिला उत्पीड़ऩ के मामले में हाल ही में कर्नाटक के मंत्री रमेश जर्कीहोली व महाराष्ट्र के मंत्री संजय राठौड़़ को कैबिनेट मंत्री के पद से हटाने के बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का मामला भी तूल पकडऩे लगा है।  प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी चाहती है कि जिस तरह से कर्नाटक व महाराष्ट्र में सख्त फैसला लिया गया है, उसी तरह का फैसला पंजाब में लिया जाए ताकि राज्य की महिला अधिकारियों को इंसाफ मिल सके।

कुछ समय पहले ही पर्यटन व सांस्कृतिक मामले और तकनीकी शिक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री चन्नी के विभाग में कार्यरत एक सीनियर आई.ए.एस. अधिकारी ने यह मामला मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया था कि मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने उन्हें आपत्तिजनक मैसेज भेजा है। उस समय यह मामला मीडिया की सुॢखयां बना था। चारों तरफ से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह पर दबाव बना था कि मंत्री चन्नी को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए। यह मामला अभी भी पैंङ्क्षडग चल रहा है। अब जैसे ही महिलाओं से संबंधित मामले में कर्नाटक व महाराष्ट्र की सरकारों ने सख्त एक्शन लेते हुए अपने मंत्रियों से इस्तीफे ले लिए हैं, ऐसे में पंजाब की ब्यूरोक्रेसी इस मामले में एक बार फिर से सरगर्म हो गई है। सूत्रों के मुताबिक आई.ए.एस. अधिकारी शीघ्र ही इस मसले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह व राज्य की मुख्य सचिव विन्नी महाजन से भेंट करके कर्नाटक व महाराष्ट्र जैसी कार्रवाई की मांग करेंगे।

पंजाब आई.ए.एस. एसोसिएशन से संबंधित एक सीनियर अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पंजाब के अधिकारी इस मामले को लेकर एकजुट हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन को भी चाहिए कि वह भी कर्नाटक व महाराष्ट्र की तरह कैबिनेट मंत्री चन्नी से इस्तीफा लें। महिलाओं के कल्याण के लिए कार्य करने वाली एक संस्था की पदाधिकारी ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने स्थानीय संस्थाओं में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण, सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण सहित महिला कल्याण व महिलाओं के सम्मान के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री चन्नी के खिलाफ कार्रवाई न करने का दाग सरकार पर लगा हुआ है, जिसे धोना अति जरूरी है।  महिला संगठन से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि महाराष्ट्र व कर्नाटक में भी मंत्रियों पर सिर्फ आरोप लगे थे परंतु प्रदेश की महिलाओं को इंसाफ का संदेश देने के मकसद से वहां के मुख्यमंत्रियों ने मंत्रियों से त्याग पत्र ले लिए हैं। पंजाब में भी कैबिनेट मंत्री चन्नी से तुरंत इस्तीफा ले लेना चाहिए। 

महिला चीफ सैके्रटरी क्या एक महिला अधिकारी को दिलाएंगी इंसाफ 
लंबे समय बाद पंजाब को विन्नी महाजन के रूप में एक महिला चीफ सैके्रेटरी मिली हैं। अब सवाल यह पैदा होता है कि क्या प्रदेश के प्रशासनिक सिस्टम के शीर्ष पद पर आसीन चीफ सैके्रटरी विनी महाजन एक महिला अधिकारी को इंसाफ दिला पाएंगी? आम तौर पर इस तरह के मामलों में अगर शिकायत न भी हो तो भी उ‘चाधिकारी उसका संज्ञान लेकर कार्रवाई करती हैं।  इस मामले में शिकायत आने के बाद क्या चीफ सैके्रटरी प्रदेश की महिला अधिकारियों के सम्मान की बहाली के लिए खुद मुख्यमंत्री से मिल कर कैबिनेट मंत्री चन्नी को बर्खास्त करने या फिर उनसे इस्तीफा लेने की दिशा में काम करेंगी?

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