CBSE स्कूलों में पढ़ते बच्चों के Parents और Teacher की बढ़ीं परेशानी, जानें क्यों...

Edited By Vatika,Updated: 01 Apr, 2024 11:03 AM

cbse students admission

सी.बी.एस.ई. के स्कूलों में इसी हफ्ते से नया सैशन शुरू होने वाला है लेकिन अभी तक तीसरी और छठी छठी कक्षा की नई किताबों

लुधियाना(विक्की): सी.बी.एस.ई. के स्कूलों में इसी हफ्ते से नया सैशन शुरू होने वाला है लेकिन अभी तक तीसरी और छठी छठी कक्षा की नई किताबों का बाजार में उपलब्ध न होना अभिभावकों और अध्यापकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। बता दें कि सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) ने नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एन.सी.एफ.) को लागू करते हुए एन.सी.ई.आर.टी. के सिलेबस में बदलाव किया है। इस सैशन से कक्षा तीसरी और छठी का सिलेबस बदल दिया गया है लेकिन एन.सी.ई.आर.टी. की ओर से इन कक्षाओं की नई किताबें बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। इस वजह से स्टूडैंट्स भी चिंता में हैं क्योंकि अगर उनकी किताबें ही लेट आईं तो उन पर पढ़ाई का फालतू बोझ बड़ेगा।

हालांकि निजी पब्लिशर्स की बुक्स बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन स्कूल संचालक पेरैंट्स को एन.सी.ई.आर.टी. की बुक्स ही खरीदने का सुझाव दे रहे हैं ताकि उनकी जेब पर प्राइवेट पब्लिशर्स की महंगी किताबें खरीदने का बोझ न पड़े। सी.बी.एस.ई. ने इस बारे में स्कूलों को सलाह दी है कि कक्षा तीसरी व 6वीं की पुरानी किताबों की बजाय नई किताबों को अपनाया जाए। सी.बी.एस.ई. सभी स्कूल के प्रमुखों और शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करेगा। सिलेबस में बदलाव करते हुए कुछ तर्क दिया गया है जिसके अनुसार नई शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूली शिक्षा में कई बदलाव की जरूरत है जिससे स्टूडैंट्स नए एजुकेशन सिस्टम से जुड़ पाएंगे।

कई महीने लग जाते हैं किताबें आने में
जानकारी के मुताबिक कई स्कूल 6वीं कक्षा में विधार्थियों को हिंदी, इंगलिश, मैथ, साइंस व एस.एस.टी. एन.सी.ई.आर.टी. की किताबों से पढ़ाते हैं जबकि कई मैथ के अलावा अन्य सभी विषय इन्हीं किताबों से पढ़ाते हैं। बताया जा रहा है कि मई में छठी क्लास के बच्चों को नई किताबें मिलेंगी, जबकि तीसरी के बच्चों को अप्रैल में ही नई किताबें मिल जाएंगी। सी.बी.एस.ई. ने अपने सभी स्कूलों को भेजे एक पत्र में कहा है कि तीसरी और छठी कक्षा के लिए नए पाठ्यक्रम और किताबों को अपनाना होगा। किताब विक्रेताओं की मानें तो एन.सी.ई.आर.टी. की किताबें मार्कीट में आने में कई महीने लग जाते हैं। इसे देखते हुए इस बार भी जुलाई तक अपडेटेड सिलेबस की किताबें मिलना मुश्किल नजर आ रहा है। विभिन्न अध्यापकों का कहना है कि पिछले साल से नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत सिलेबस में बदलाव शुरू हुए थे।

बाकी कक्षाओं में बदलाव नहीं
इसके साथ ही सी.बी.एस.ई. ने स्पष्ट किया है कि इन दोनों कक्षाओं के अलावा इस सत्र में अन्य किसी कक्षा का सिलेबस अभी नहीं बदला जाएगा। गौरतलब है कि पिछले साल 9वीं कक्षा का पाठ्यक्रम बदला गया था। पूरा साल कई स्टूडैंट इसकी किताबों का इंतजार करते रहे। फाइनल की परीक्षाओं तक मैथ्स, साइंस की किताबों का नया वॉल्यूम नहीं मिल सका।

एन.सी.ई.आर.टी. की इन किताबों की भी शार्टेज
सराभा नगर में नरूला बुक्स के संदीप नरूला ने बताया कि वह एन.सी.ई.आर.टी. के एजैंसी होल्डर हैं। हर बार ऐसा ही होता है कि एन.सी.ई.आर.टी. को किताबों की डिमांड भेजने के बावजूद पूरा आर्डर नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि जिस विषय की किताबें लिखवाई जाती हैं वह तो मिलती नहीं बल्कि उसकी जगह दूसरे विषयों की बुक्स भेज दी जाती हैं। नरूला ने बताया कि इस बार भी 9वीं क्लास की किताबें लेने के लिए स्टूडैंट्स परेशान हो रहे हैं लेकिन बाजार में किताबें नहीं हैं। ऐसे ही 6वीं से 8वीं तक की हिस्ट्री, सिविक्स, ज्योग्राफी, मैथ व साइंस की किताबें नहीं आ रहीं। इसी वजह से बच्चे प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें खरीदनें को मजबूर हैं ताकि उनका सिलेबस न छूट जाए।

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