Edited By Tania pathak,Updated: 03 May, 2021 01:27 PM
कोरोना महामारी दौरान हाईकोर्ट से गत 22 अप्रैल 2021 को मिली अगस्त महीने की तारीख को देखते 3442 और 5178 बेरोजगार उम्मीदवारों ने अपना दर्द बयां किया।
जलालाबाद (सुमित): कोरोना महामारी दौरान हाईकोर्ट से गत 22 अप्रैल 2021 को मिली अगस्त महीने की तारीख को देखते 3442 और 5178 बेरोजगार उम्मीदवारों ने अपना दर्द बयां किया।
बेरोजगार उम्मीदवार सानिया, मीनाक्षी, ज्योति नारंग ने बताया कि शिक्षा विभाग की भर्ती के लिए सीक्रेट द्वारा जुलाई 2011 में पहली पी.एस. टैट-2 परीक्षा ली गई। जिसके आंसर कीज में 4 प्रश्नों के जवाब सही न होने के कारण कुछ फेल उम्मीदवारों द्वारा माननीय हाईकोर्ट में पटीशन दायर की गई थी। जिसका फैसला 18 मई 2016 को करते हुए अदालत द्वारा उक्त 4 प्रश्नों का बनता लाभ देने का आदेश हुआ।
इसके बाद सीक्रेट द्वारा अपील दायर की गई जोकि 27-10-2016 को कोर्ट द्वारा खारिज करते फैसला पटीशनरों के हक में कर दिया। जिसके आधार पर सीक्रेट ने टैट 2011 का नतीजा जनरलाईज्ड रिवाइज करके नतीजा पास घोषित कर दिया। टैट 2011 का नतीजा पास होने पर हम साल 2011 और 2012 में निकली भर्ती 3442 और 5178 के पहले से ही लगे हुए उम्मीदवार जिनकी मेरिट हमारी मेरिट से कम हैं और वह लगभग पिछले 10 सालों से शिक्षा विभाग में सेवा निभा रहे हैं। यह भर्ती बिना किसी विषय टैस्ट के हुई थी।
विभाग ने हमें इन भर्ती में नौकरी देने की जगह पर हमारी उम्र हद और टैट 2011 की वैलिडिटी बढ़ा दी जोकि हमें नहीं चाहिए थी। इस कारण हमें उक्त भर्ती में नौकरी लेने के लिए फिर से कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। जिस पर कोर्ट द्वारा 27-11-2020 के इंटरिम आर्डर के अंतर्गत विभाग को उनकी गलती करार देते समूह मेरिट होलर्स पटीशनरों के 10 साल खराब होने पर अब उन की सीट रिजर्व करने के लिए कहा गया, परंतु आज लगभग 7 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए हमें नौकरी से वंचित रख रही है।
इस मौके बेरोजगार अध्यापकों कहा कि बेरोजगारी की मार बर्दाश्त करने के पीछे सरकार ही जिम्मेदार है क्योंकि यदि आंसर कीज गलत न होती तो हम भी आज शिक्षा विभाग में सेवाएं निभा रहे होते और न ही हमें कोर्ट का सहारा लेना पड़ता। उनकी मांग है कि सरकार 3442 और 5178 पोस्टों की भर्ती अनुसार बनते लाभ अनुसार दे नहीं तो हमें मजबूरन परिवारों समेत सड़कों पर मजबूरन उतरना पड़ेगा।