आला अधिकारियों को कैप्टन की धमकी,बंदे बनकर रहो,नहीं तो नौकरी से होगी छुट्टी

Edited By Sonia Goswami,Updated: 12 Apr, 2018 07:38 AM

captain warns warring senior police officers of dismissal for indiscipline

पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारियों के बीच पिछले चंद दिनों से लोगों में खुलकर सामने आई आपसी खींचतान की किरकिरी को रोकने के लिए बुलाई गई

चंडीगढ़ (रमनजीत): पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारियों के बीच पिछले चंद दिनों से लोगों में खुलकर सामने आई आपसी खींचतान की किरकिरी को रोकने के लिए बुलाई गई मुख्यमंत्री की बैठक खत्म होने के बाद सभी अधिकारी चुपचाप निकले। किसी भी अधिकारी ने बैठक के संबंध में मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया बल्कि कुछ अधिकारी तो मीडिया से दूरी बनाए रखते हुए सचिवालय से चले गए। हालांकि डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा व एस. चट्टोपाध्याय द्वारा मीडिया से बात की गई लेकिन बैठक संबंधी पूछने पर दोनों ने ही यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि बैठक में हुई बातचीत की जानकारी सी.एम. के मीडिया एडवाइजर ही देंगे। डी.जी.पी. चट्टोपाध्याय ने मीडिया द्वारा उनकी रिपोर्ट संबंधी पूछे जाने पर कहा कि वह मामला कोर्ट का है, उसे वहीं सीमित रहने दिया जाए। 

 

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी की गई बैठक संबंधी सूचना में कहा गया है कि बैठक में शामिल हुए सभी डी.जी.पी. और ए.डी.जी.पी. स्तर के अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया गया है कि अनुशासन भंग होने की सूरत में किसी भी स्तर के अधिकारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नौकरी से बाहर करने से भी परहेज नहीं किया जाएगा। कैप्टन ने पुलिस अधिकारियों को कहा कि मीडिया और अदालतों में अपने मतभेदों को ले जाने की बजाय ‘अनुशासित बल’ के नियमों के मुताबिक उपलब्ध मंचों का इस्तेमाल करें। यदि संतुष्टि न हो तो कोई भी अधिकारी सीधे उनसे भी मिल सकता है। 


 

कैप्टन बोले, डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा को केंद्र ले जाना चाहता है
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पंजाब पुलिस में तैनात हरेक अधिकारी द्वारा डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा का नेतृत्व स्वीकारना अपेक्षित है। अरोड़ा को उच्च दर्जे का पेशेवर अधिकारी बताते हुए कैप्टन ने कहा कि केंद्रीय मंत्री डी.जी.पी. अरोड़ा को केंद्र में ले जाना चाहते थे परंतु उन्होंने अरोड़ा की महारत और पेशेवर योग्यता के मद्देनजर उनको राज्य में रखने की विनती की थी। सी.एम. ने कहा कि उन्होंने कभी भी पंजाब पुलिस में ऐसा होते नहीं देखा जिसने राज्य को आतंकवाद, सामूहिक हत्याएं, सुनियोजित हत्याएं करने, धार्मिक मौकापरस्ती, किसान बेचैनी आदि मसलों समेत बहुत-सी मुश्किलों भरे समय में से बाहर निकाला। 

 

सी.एम. ने कहा कि उन्होंने एक पूर्व फौजी के तौर पर देखा है कि नजदीकी झगड़ों के दौरान भी किस तरह फोर्स में अनुशासन कायम रखा जाता है। उनको पिछले 48 घंटों खासकर जबसे यह मुद्दा सामने आया है, बहुत ज्यादा बुरा महसूस हुआ है। जो भी हुआ है वह सिर्फ बहुत ज्यादा घटिया ही नहीं है बल्कि पंजाब के हितों के लिए भी घातक है। 


 

अनुशासनहीन कर्मचारी के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय तक भी पहुंच करेंगे
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने पुलिस के उच्चाधिकारियों को अदालतों और मीडिया में अपनी चल रही निजी और पेशेवर लड़ाई को तुरंत खत्म करने के आदेश दिए हैं। सी.एम. ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह अनुशासनहीन पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय तक भी पहुंच करेंगे। 

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