Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Aug, 2017 11:33 PM
नवजोत सिंह सिद्धू कैबिनेट मंत्री पंजाब द्वारा सचिव सतीश चन्द्रा और अन्य ....
जालंधर: नवजोत सिंह सिद्धू कैबिनेट मंत्री पंजाब द्वारा सचिव सतीश चन्द्रा और अन्य अधिकारियों व सीनियर साथियों के साथ गांव सीचेवाल का दौरा किया गया। उनका स्वागत संत बलबीर सिंह सीचेवाल, संत सुखजीत सिंह ने किया। सिद्धू शनिवार को शाहकोट हलके में गांव सीचेवाल में प्रेमी बलबीर सिंह सीचेवाल की तरफ से लगाए गए सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट को देखने के लिए आए हुए थे। वहीं सिद्धू के दौरे को लेकर कांग्रेस नेताओं में आपसी फूट देखने को मिली।
दोआबा में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के वफादार दो नेताओं ने शनिवार को मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का अपने हलके में दौरा का बायकाट कर दिया। इसके साथ ही पंजाब कांग्रेस में आपसी फूट जगजाहिर हो गई। कांग्रेस नेता हरदेव लाडी, जो कि शाहकोट हलके से विधानसभा चुनाव हार गए थे, मंत्री को नहीं मिले। लाडी ने कहा कि उनको मंत्री की तरफ से दौरे के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई तथा स्थानीय एस.डी.एम. ने उनको अचानक इस बारे में बताया।
सिद्धू ने सुल्तानपुर लोधी भी जाना था, लेकिन विधायक नवतेज चीमा की तरफ से उनके खिलाफ स्टैंड लेने के लिए अचानक इस दौरे को रद्द करना पड़ा। विधायक चीमा ने कहा कि मंत्री ने दौरे के बारे में उनको पहले नहीं बताया। दोनों नेताओं ने कहा कि इस मंत्री ने उनके हलकों में पहली बार आना था। उन्होंने कहा कि सिद्धू को कम से कम एक दिन पहले इस बारे में बताना चाहिए था। इस बारे में हम मुख्यमंत्री को बताएंगे और उन्हें निवेदन करेंगे की वह वजीरों को कहें कि वह अपने दौरे के बारे में उनको आगे से बताया करें।
प्रशासनिक अधिकारियों के इस तरीके पर नाराजगी प्रकट करते हुए चीमा ने कहा कि अधिकारियों की ओर से नजरअंदाजी का मामला भी मुख्यमंत्री के पास उठाया जाएगा। सीचेवाल में मीडिया के साथ बातचीत करते सिद्धू ने कहा कि चीमा मेरे छोटे भाई जैसे हैं और उनको गुस्सा करने का हक्क है। उन्होंने कहा कि मैं गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश दिवस संबंधी समागम की योजना के बारे में उनसे मिलने के लिए आया था। शिरोमणि अकाली दल की जब्र विरोधी लहर बारे सिद्धू ने कहा कि यह सुखबीर बादल के फ्री दिमाग की काल्पनिक खोज है। लोगों ने दस साल बादलों का शासन देखा है और वह हमारी कार्यगुजारी को भी देख सकते हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को उनके जद्दी गांव बादल में बहस के लिए चुनौती दी है।