Edited By Updated: 28 Mar, 2017 10:44 AM
कैप्टन सरकार ने नशों के खिलाफ ‘हल्ला बोल’ दिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने नशों के खात्मे के लिए ए.डी.जी.पी. हरप्रीत सिद्धू के नेतृत्व में
जालंधर(धवन): कैप्टन सरकार ने नशों के खिलाफ ‘हल्ला बोल’ दिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने नशों के खात्मे के लिए ए.डी.जी.पी. हरप्रीत सिद्धू के नेतृत्व में बनाई गई विशेष टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) को खुला हाथ दे दिया है तथा उन्हें 4 सप्ताह के भीतर पंजाब को नशा मुक्त बनाने के निर्देश दिए हैं। कैप्टन ने सिद्धू से कहा है कि वह नशों के खात्मे के लिए जो भी उचित समझें वैसे कदम उठाएं क्योंकि राज्य बुरी तरह से नशों की लपेट में पूर्व बादल सरकार की वजह से आया हुआ है। ए.डी.जी.पी. सिद्धू ने औपचारिक तौर पर आज अपना कार्यभार संभाला। एस.टी.एफ. के प्रमुख के तौर पर तैनात होते ही सिद्धू ने नशों को खत्म करने के लिए अपनी टीम के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया। 1992 बैच के आई.पी.एस. अधिकारी सिद्धू छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी आप्रेशन की कमान संभाले बैठे थे। वह सी.आर.पी.एफ. में डैपुटेशन पर गए हुए थे। अब अमरेन्द्र सरकार ने उन्हें राज्य में एस.टी.एफ. की कमान सौंपी है। उन्हें 2003 में राष्ट्रपति का शौर्य के लिए मैडल भी मिल चुका है।
कैप्टन ने कहा कि सरकार ने नशों को खत्म करने के लिए जनता से 4 सप्ताह का वायदा किया था जिसे पूरा करने का समय आ गया है। एस.टी.एफ. द्वारा राज्य में चिट्टे की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी तथा साथ ही राज्य में रोजाना होने वाली नशों की खपत पर नजर रखी जाएगी। बताया जाता है कि कैप्टन ने आज सिद्धू के नेतृत्व में आई टीम के साथ चंडीगढ़ में बैठक भी की तथा कहा कि नशों को खत्म करने के मामले में कोई ढील सहन न की जाए। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एस.टी.एफ. को कहा है कि वह नशों की सप्लाई करने वाले तस्करों व अन्य लोगों को पकडऩे के लिए जनता की मदद ले। नशों की बिक्री रोकने के लिए 24 घंटे हैल्पलाइन खुली रहेगी तथा लोग 181 पर फोन कर नशों की बिक्री की जानकारी दे सकते हैं। जानकारी देने वाले लोगों की पहचान को गुप्त रखी जाएगी।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने एस.टी.एफ. को कहा है कि नशों के खात्मे के मार्ग में अगर किसी कांग्रेसी नेता की सिफारिश भी आती है तो भी उसे न सुना जाए। एस.टी.एफ. खुलकर काम करे। एस.टी.एफ. का गठन कांग्रेस सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में किया गया था। कैबिनेट ने गृह विभाग को कहा था कि वह नशा तस्करों की सम्पत्ति को जब्त करने के लिए अध्यादेश जारी करे क्योंकि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में तस्करों की सम्पत्तियों को जब्त करने का वायदा किया था। नशों के खात्मे के लिए जहां नशा तस्करों का स्थान जेल की सलाखों के पीछे होगा वहीं दूसरी तरफ नशा करने वाले लोगों को पुनर्वास केन्द्रों में भेजा जाएगा।