बाजवा या किसी अन्य सांसद से बैठक तय नहीं थी, इसलिए उसे स्थगित करने का सवाल ही नहीं : कैप्टन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Nov, 2017 10:02 AM

captain amarinder singh congress

पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रताप सिंह बाजवा सहित किसी भी कांग्रेसी सांसद के साथ उनकी कोई बैठक तय ही नहीं थी, इसलिए बैठक को स्थगित करने का सवाल ही पैदा नहीं होता ।

जालंधर (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रताप सिंह बाजवा सहित किसी भी कांग्रेसी सांसद के साथ उनकी कोई बैठक तय ही नहीं थी, इसलिए बैठक को स्थगित करने का सवाल ही पैदा नहीं होता । 

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सोमवार को सांसदों के साथ कोई बैठक नहीं रखी गई थी। उन्होंने इन रिपोर्टों को गलत करार दिया कि बाजवा को अपने गिले-शिकवे उनके सामने रखने से रोकने के लिए सांसदों की बैठक को स्थगित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने का उनका कार्यक्रम काफी समय पहले से बना हुआ था, जिसे ए.आई.सी.सी. द्वारा बनाया गया था, इसलिए सांसदों के साथ किसी प्रकार की बैठक को लेकर व्यर्थ में ही अफवाहें उड़ाई गई। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि पार्टी के सांसद, जिनमें बाजवा भी शामिल है, वह उन्हें किसी समय भी मिल सकते हैं। इसके लिए कोई तय बैठक बुलाने की बात ही नहीं है। उन्होंने कहा कि आगामी संसदीय सत्र के लिए रणनीति बनाना पार्टी हाईकमान के क्षेत्राधिकार में आता है।

 मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि ऐसी अफवाहें फैलाने वालों के पीछे कौन है, इसके बारे में वह कुछ नहीं कह सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी सांसद किसी प्रकार की शिकायत लेकर उनके पास अभी तक नहीं आया है। उन्होंने कहा कि बाजवा के मामले को भी मीडिया ने ही बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस एक बड़ा परिवार है, जहां पार्टी का प्रत्येक सदस्य अपनी समस्याएं या शिकायतें रखने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि बाजवा भी किसी भी मुद्दे को उठा सकते हैं, जिससे वह परेशान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बाजवा की उस टिप्पणी बारे कुछ नहीं कह सकते जिसमें कहा गया था कि बाजवा राज्य सरकार से खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी में किसी सदस्य के बीच असंतोष होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता परन्तु इन्हें भी पार्टी द्वारा आपसी विचार-विमर्श से दूर कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई पार्टी सांसद, विधायक या कार्यकत्र्ता असंतुष्ट है तो वह पार्टी फोरम में अपनी आवाज रखने के लिए स्वतंत्र है।

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