Edited By Updated: 28 Apr, 2017 05:33 PM
पंजाब में बुरी तरह से पैर पसारे बैठे माफिया राज के खिलाफ कैप्टन सरकार ने शिकंजा कस दिया है। राज्य विधानसभा के आम चुनावों से पहले
जालंधर (धवन): पंजाब में बुरी तरह से पैर पसारे बैठे माफिया राज के खिलाफ कैप्टन सरकार ने शिकंजा कस दिया है। राज्य विधानसभा के आम चुनावों से पहले पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में कैप्टन ने राज्य के लोगों से वायदा किया था कि कांग्रेस सरकार बनने पर सभी प्रकार के माफिया का सफाया कर दिया जाएगा। सरकार गठित होने के बाद मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में कैप्टन सरकार ने निर्णय लिया कि किसी भी कारोबार में माफिया राज को चलने नहीं दिया जाएगा।
केबल माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी
सबसे पहले शराब माफिया की कमर तोड़ी गई तथा शराब पर सियासी नेताओं का एकाधिकार खत्म कर दिया गया। उसके बाद रेत बजरी माफिया के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करने के लिए खुली छूट दी गई। कल ट्रांसपोर्ट माफिया पर बड़े ट्रांसपोर्टरों का एकाधिकार तोडऩे के लिए कैप्टन ने ट्रांसपोर्ट अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए। कैप्टन के नजदीकी नेताओं ने बताया कि अब मुख्यमंत्री द्वारा केबल माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी है। राज्य में केबल व मीडिया नैटवर्क पर एकाधिकार को तोडऩे के संबंध में कैप्टन ने अपने साथियों के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। इलैक्ट्रानिक चैनलों को अधिक से अधिक राज्य में आमंत्रित करने पर विचार किया जा रहा है।
नशों के खिलाफ चलाया जा रहा है अभियान
ड्रग माफिया पर लगाम लगाने के लिए पहले ही मुख्यमंत्री द्वारा ए.डी.जी.पी. हरप्रीत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में एस.टी.एफ. का गठन कर दिया गया है। एस.टी.एफ. द्वारा नशों के खिलाफ अपने स्तर पर तो अभियान चलाया ही जा रहा है साथ में वह पुलिस व अन्य एजैंसियों को अपने साथ मिलाकर चल रही है। सरकारी हलकों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी कारोबार में कांग्रेसी नेताओं की शमूलियत नहीं होनी चाहिए। इससे पहले पूर्व अकाली भाजपा सरकार के समय अधिकांश अकाली जत्थेदारों की विभिन्न कारोबार में शमूलियत सुनने को मिलती रही, जिस कारण अधिकांश कारोबार में माफिया राज ने अपने पैर पसार लिए थे।
एकमात्र उद्देश्य माफिया को पैर न पसारने देना
बताया जाता है कि विभिन्न कारोबारों में फन फैलाए बैठे माफिया राज की कमर तोडऩे के लिए संबंधित विभागों की बैठक स्वयं मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ ले रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वयं नजर रख रहे हैं कि संबंधित विभाग माफिया पर नियंत्रण लगाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। अब अगले कुछ दिनों में इलैक्ट्रानिक चैनलों व केबल को लेकर नई नीति मुख्यमंत्री के सामने पेश की जा सकती है। इन सबका एकमात्र उद्देश्य माफिया को दोबारा अपने पैर न पसारने देना है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्णय लिया है कि वह हर महीने संबंधित विभागों के साथ बैठकें किया करेंगे।