Edited By Updated: 22 Mar, 2017 08:43 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली से मुलाकात कर पंजाब के लिए अार्थिक पैकेज की मांग करेंगे।
जालंधर (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली से मुलाकात कर पंजाब के लिए अार्थिक पैकेज की मांग करेंगे। पंजाब इस समय बुरी तरह से कर्जों के जंजाल में फंसा हुआ है तथा उसे देखते हुए राज्य सरकार की कोशिश रहेगी कि केन्द्र सरकार से विभिन्न विकास प्रोजैक्टों के लिए मदद मांगी जाए।
सरकारी हलकों ने बताया कि राज्य विधानसभा सत्र निकलने के बाद कैप्टन द्वारा प्रधानमंत्री, केन्द्रीय वित्त मंत्री तथा अन्य केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर पंजाब में केन्द्रीय सहायता से चल रहे प्रोजैक्टों के लिए केन्द्रीय ग्रांटों में तेजी लाने की मांग की जाएगी।
पंजाब में कै. अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से कैप्टन को फोन कर मुबारकबाद दी थी। मोदी ने ट्विटर पर भी 2 बार कैप्टन को मुबारकबाद दी। कैप्टन ने भी मोदी की बधाई के बाद कहा था कि जब वह 2002 में मुख्यमंत्री बने थे, तो उन्हें केन्द्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के साथ काम करने का मौका मिला था। अब केन्द्र में मोदी सरकार होने से उन्हें तालमेल बनाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
मोदी तथा अन्य केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात करने का एजैंडा भी कैप्टन के एजैंडे में सबसे ऊपर बताया जा रहा है। इस संबंध में राज्य के विभिन्न महत्वपूर्ण सरकारी विभागों के प्रधान सचिवों से कहा जा रहा है कि वे केन्द्र सरकार से जुड़े कार्यों की सूची तैयार करनी शुरू कर दें। संबंधित विभागों के मंत्री भी केन्द्रीय मंत्रियों से मिलकर अपने विभागों का एजैंडा उनके सामने रखेंगे। आॢथक स्थिति डांवाडोल है तथा इसके लिए पूर्व अकाली सरकार को ही कैप्टन ने पूरी तरह से जिम्मेदार माना है।
पंजाब पर इस समय 1.86 लाख करोड़ का कर्जा चढ़ा हुआ है। इसका मुख्य कारण पूर्व राज्य सरकार द्वारा बैंकों व वित्तीय संस्थाओं से अंधाधुंध कर्जे लेना था। राज्य में अमरेन्द्र सरकार बनने के बाद उसका मुख्य एजैंडा राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारना है। पहले भी 2002 से 2007 के दौरान राज्य की आॢथक हालत में भारी सुधार हुआ था। केन्द्र सरकार से मदद लेने के साथ-साथ कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य में नए आॢथक संसाधनों को बनाने की तरफ भी ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए सभी सरकारी विभागों को पहले ही कैबिनेट ने अपने खर्चों में कटौती करने तथा अपनी आमदनी बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।