Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 07:55 AM
केंद्रीय जेल मानसा में नियमों को तोड़कर जेल अधिकारी व कैदी रिश्वत लेते हुए विजीलैंस विभाग के हत्थे चढ़े, जिनसे 50 हजार रुपए नकद व 86 हजार के चैक बठिंडा विजीलैंस ब्यूरो ने बरामद किए हैं। इस मामले में डिप्टी जेल सुपरिंटैंडैंट गुरजीत सिंह बराड़ भी...
बठिंडा (विजय): केंद्रीय जेल मानसा में नियमों को तोड़कर जेल अधिकारी व कैदी रिश्वत लेते हुए विजीलैंस विभाग के हत्थे चढ़े, जिनसे 50 हजार रुपए नकद व 86 हजार के चैक बठिंडा विजीलैंस ब्यूरो ने बरामद किए हैं। इस मामले में डिप्टी जेल सुपरिंटैंडैंट गुरजीत सिंह बराड़ भी शामिल है जो विजीलैंस टीम को देखते ही भूमिगत हो गया।
एस.एस.पी. विजीलैंस जगजीत सिंह भगताना ने बताया कि आरोपी डिप्टी सुपरिंटैंडैंट को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पत्रकार सम्मेलन में बठिंडा रेंज के विजीलैंस प्रभारी व एस.पी. भूपिंद्र सिंह ने बताया कि मानसा जेल में कैंटीन का प्रभार पवन कुमार के पास है जबकि गौरव उसका सहायक है। पवन कुमार के विरुद्ध बठिंडा के मौड़ थाने में कत्ल का मामला दर्ज है जो उम्रकैद की सजा काट रहा है, जबकि बरेटा निवासी गौरव नशा तस्करी के मामले में जेल में बंद है। आमतौर पर जेल में बंद कैदी कैंटीन से सामान खरीदने के लिए पैसे जमा करवाते हैं जिसके बदले उन्हें कूपन मिलते हैं।
गौरव ने कैदियों के 86,200 रुपए अपने खाते में जमा कर लिए जिसका पता डिप्टी जेल सुपरिंटैंडैंट बराड़ व कैंटीन प्रभारी पवन कुमार को लगा। जेल अधिकारियों ने गौरव को कार्यालय में बुलाकर उसके साथ मारपीट की और बुरी तरह टार्चर किया और कहा कि वह 86,200 के साथ 50 हजार रुपए अलग से दे। डिप्टी जेल सुपरिंटैंडैंट पवन कुमार के माध्यम से उसे लगातार परेशान करता रहा व आखिर गौरव ने अपने परिजनों से बात कर पैसों का प्रबंध किया। रविवार को लगभग 2 बजे गौरव का रिश्तेदार कुलविंद्र कुमार पैसे लेकर पहुंचा और उसने विजीलैंस को भी सूचित कर दिया।
वैल्फेयर अफसर सिकंदर सिंह व पवन कुमार ने जैसे ही पैसे पकड़े, उन्हें दबोच लिया गया। पकड़े गए आरोपियों कैदी पवन कुमार, जेल के वैल्फेयर अफसर सिकंदर सिंह और फरार डिप्टी जेल सुपरिंटैंडैंट गुरजीत सिंह बराड़ के खिलाफ भ्रष्टाचार एक्ट के अलावा साजिश रचने के आरोप तहत बठिंडा में केस दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। आरोपियों को सोमवार अदालत में पेश कर उनका रिमांड हासिल किया जाएगा।
जेल अधिकारियों की मिलीभगत से पवन जाता था अंदर-बाहर
मानसा केंद्रीय जेल के वैल्फेयर अफसर सिकंदर सिंह के साथ रिश्वत लेते हुए विजीलैंस के हत्थे चढ़ा कैदी पवन कुमार गैर-कानूनी तरीके से जेल अधिकारियों के रहमो करम पर जेल से अंदर बाहर आता-जाता था। एस.एस.पी. विजीलैंस जगजीत सिंह भगताना ने बताया कि जब आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था तो इसकी बाकायदा जांच की गई थी, जिसमें पाया गया कि जेल अधिकारियों ने कानून ताक पर रख कैदी को जेल से बाहर भेज दिया था।
कैदियों के पास कैसे पहुंचा मोबाइल, होगी जांच
एस.एस.पी. विजीलैंस से पूछा गया कि आरोपी पवन ने एक दिन में 20-25 फोन गौरव के परिजनों को किए, उसके पास फोन कहां से आया तो उन्होंने कहा यह भी जांच का विष्य है। जेल के नियमों के अनुसार कोई भी कैदी जेल में मोबाइल फोन व किसी भी सूचना तक नीक का प्रयोग नहीं कर सकता। पवन का पुलिस रिमांड लेकर उससे फोन के बारे में भी पूछकर इसका खुलासा किया जाएगा। अगर जेल के किसी भी अधिकारी की इस मामले में मिलीभगत होगी तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
लक्खा सिधाना के आरोप हुए सच साबित
पंजाबी भाषा को बनता मान-सम्मान दिलवाने के लिए सरकारी प्रॉपर्टी को नुक्सान पहुंचाने के आरोप में जेल गया लक्खा सिधाना एक दिन पहले ही फरीदकोट जेल से जमानत पर रिहा होकर आया है। उसने आरोप लगाया है कि जेल में बंद कैदी व हवालातियों की मौज इस कदर है कि उन्हें हर सुविधा मिलती है, जिसके लिए जेल अधिकारी उक्त कैदी व हवालातियों से मोटी रिश्वत वसूल करते हैं। सिधाना ने आरोप लगाया कि पंजाब की जेलों में बंद कुख्यात गैंगस्टर जो मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, वह जेल अधिकारियों की शमूलियत के बिना संभव नहीं है, जिसकी एक निष्पक्ष एजैंसी से जांच करवाने की जरूरत है।