भाजपा ने राणा मामले में मांगी CBI, ED व NIA जांच

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 11:26 PM

bjp seeks cbi probe in rana case ed and nia probe

पंजाब भाजपा नेताओं ने मंगलवार को राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर से मुलाकात करके रेत खनन बोली मामले की

चंडीगढ़(भारद्वाज): पंजाब भाजपा नेताओं ने मंगलवार को राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर से मुलाकात करके रेत खनन बोली मामले की जांच सी.बी.आई., ई.डी. व एन.आई.ए. से करवाने की मांग की। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सहित अमित बहादुर और बलराज सिंह पर सी.बी.आई., प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और एन.आई.ए. से मामले दर्ज करवाए जाएं। 


शिष्टमंडल में पंजाब भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मदन मोहन मित्तल, मौजूदा प्रदेश उपाध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल, महासचिव मंजीत सिंह राय, प्रदेश सचिव विनीत जोशी आदि शामिल थे। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि पंजाब में कैबिनेट मंत्री का ओहदा संभाल रहे राणा गुरजीत अपने पद का दुरुपयोग करके मामले की जांच को प्रभावित कर सकते हैं। वहीं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा गठित न्यायिक आयोग पर भी भाजपा नेताओं ने असंतोष व्यक्त किया। 


मीडिया से बात करते हुए मित्तल और जोशी ने कहा कि राणा गुरजीत ने रेत खनन व्यवसाय पर कब्जा करने के लिए अपने कर्मचारियों की आड़ लेकर न सिर्फ  आॢथक लाभ उठाने की कोशिश की है, बल्कि सरकारी मशीनरी और अपने पद का दुरुपयोग भी कर रहे हैं इसलिए उनके खिलाफ  भ्रष्टाचार, विश्वासघात, फर्जी बोली कराने जैसे मामले बनते हैं। हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि यह मामला बेनामी लेन-देन का भी बनता है क्योंकि व्यक्ति विशेष ने मामूली आय के बावजूद सरकारी खजाने में करोड़ों रुपए जमा कराए। बेनामी लेन-देन का जरिया मनी लांङ्क्षड्रग, हवाला लेन-देन की तरफ  ले जाता है इसलिए बड़े पैमाने पर विभिन्न लोगों द्वारा संचालित नकद राशि, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।


विनीत जोशी ने कहा कि कोई भी जांच आयोग, जिसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के वर्तमान जज नहीं कर रहे हैं, उसे न्यायिक आयोग नहीं कहा जा सकता है इसलिए पंजाब के मुख्यमंत्री ने जिस आयोग का गठन किया है, वह कमीशन ऑफ  इन्क्वायरी एक्ट के तहत गठित एक साधारण आयोग है। इसे न्यायिक आयोग का नाम देकर मुख्यमंत्री पंजाब के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

बिडिंग में गड़बड़ी संभव नहीं: माइनिंग विभाग
रेत खनन बोली में पंजाब के कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत पर मिलीभगत के आरोपों पर प्रदेश के माइङ्क्षनग विभाग का कहना है कि बिङ्क्षडग में किसी किस्म की गड़बड़ी नहीं हुई है। आरोप तो केवल सफल बिडरों के राणा से संबंधों को लेकर हैं। पंजाब के माइङ्क्षनग डायरैक्टर अमित ढाका का कहना है कि बिङ्क्षडग में किसी किस्म की गड़बड़ी का सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि यह सब ऑनलाइन है। जब तक कोई बिङ्क्षडग सफल नहीं हो जाती तब तक बिडर का ही पता नहीं होता कि कौन कितनी बिड कर रहा है। सारा कुछ सीक्रेट होता है। जब सबसे अधिक बोली देने वाले को ऑनलाइन ठेका अलॉट होता है, तब उसके नाम का खुलासा होता है। उसके बाद उसे निर्धारित समय में ठेके से संबंधित राशि जमा करवाने के लिए कहा जाता है।


सुखपाल में हिम्मत है तो केजरीवाल के खिलाफ धरना लगाए : राणा गुरजीत
पॉवर तथा इरीगेशन मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने विधायक सुखपाल सिंह खैहरा से कहा है कि वह किसी दूसरे पर आरोप लगाने से पहले अपने घर तथा अपनी पार्टी की ङ्क्षचता करें। आज स्थिति यह है कि आम आदमी पार्टी के अनेक विधायक चीख-चीख कर यह कह रहे हैं कि केजरीवाल एंड पार्टी भ्रष्टाचार में डूबी पड़ी है तथा केजरीवाल और उसके सहयोगियों पर न केवल भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं बल्कि टिकटें बेचने के बदले में धन लेने तथा महिलाओं का शोषण करने के आरोप भी लग रहे हैं। राणा गुरजीत सिंह ने कहा है कि अगर सुखपाल खैहरा में हिम्मत है और सच बोलने की इच्छाशक्ति है तो वह केजरीवाल के खिलाफ धरना लगा कर दिखाएं। राणा ने यह भी कहा कि मेरे ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वे सब झूठे हैं तथा न्यायिक जांच होने के बाद सारा सच सामने आ जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी भी वक्त मंत्री पद छोडऩे के लिए तैयार हैं लेकिन झूठे तथा बेबुनियाद आरोपों के सामने झुकने को तैयार नहीं। 


राणा से तुरंत त्यागपत्र लें कैप्टन: लोकेश नारंग
पंजाब भाजपा के लीगल सैल के अध्यक्ष लोकेश नारंग ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने राज्य के मंत्री राणा गुरजीत के मामले में जांच बिठाकर केवल आई वाश किया है, जबकि असलियत यह है कि मामले में सीधे तौर पर पहले राणा का त्यागपत्र होना चाहिए था। नारंग ने कहा कि राणा के नौकर अमित बहादुर के नाम पर राज्य की सबसे महंगी रेत-बजरी की खादान है और राणा की कंपनी के अन्य मुलाजिम भी इस धंधे में मालिक बन गए हैं। 


यह सब कुछ साफ करता है कि कै. अमरेन्द्र सिंह के दावों की हवा निकल गई है। उन्होंने कहा कि ज्यूडीशियल जांच तो एक मात्र बहाना है, मामले को ठंडे करने का। उन्होंने कहा कि कैप्टन अगर सही में जांच करवाना चाहते हैं तो पहले राणा गुरजीत से त्यागपत्र लें फिर जांच करवाएं, क्योंकि मंत्री रहते राणा जांच को प्रभावित कर सकते हैं। नारंग ने कहा कि अभी तक तो यह मामला सामने आया है, जिससे साफ हो गया है कि कैप्टन सरकार की कथनी व करनी में अंतर है। 


उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कैप्टन सरकार के अंदर चल रही न जाने कितनी अनियमितताएं सामने आने वाली हैं। नारंग ने कहा कि पंजाब में 2 महीने में ही साबित हो गया है कि आने वाले समय में कैप्टन पंजाब में क्या करने वाले हैं? उन्होंने कहा कि लोगों को निरंतर बिजली नहीं मिल रही है, जिस कारण लोग अभी से परेशान हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में यह 2 महीने का समय लोगों के लिए परेशानी वाला रहा है।  नारंग ने कहा कि भाजपा लीगल सैल की तरफ से पंजाब में लोगों को लीगल सहायता मुफ्त में दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में राज्य सरकार की नीतियों से लोगों को हो रही परेशानी के मामले में भी भाजपा लीगल सैल जल्द ही सड़कों पर उतरेगा। 

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