अंडे खाने के शौकीन हैं तो हो जाएं सावधान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Nov, 2017 10:47 AM

bird flue

देश में एक बार फिर से बर्ड फ्लू अपनी दस्तक दे चुका है। दिल्ली व आसपास के इलाकों में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद देश के अन्य राज्यों को भी अलर्ट कर दिया गया है। बर्ड फ्लू के डर से लाखों की तादाद में चूजों की बलि ले ली गई है। सप्लाई रुकने से अंडों व...

जालंधर(रविंदर शर्मा): देश में एक बार फिर से बर्ड फ्लू अपनी दस्तक दे चुका है। दिल्ली व आसपास के इलाकों में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद देश के अन्य राज्यों को भी अलर्ट कर दिया गया है। बर्ड फ्लू के डर से लाखों की तादाद में चूजों की बलि ले ली गई है। सप्लाई रुकने से अंडों व चिकन के दामों में बेतहाशा वृद्धि दर्ज की जा रही है। अब तो पंजाब में अंडों के सैंपल में भी खतरनाक पैस्टीसाइड्स पाए गए हैं जोकि आदमी की जान भी ले सकते हैं। वल्र्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इन खतरनाक पैस्टीसाइड्स के बारे में पंजाब सरकार को चौकस किया है। 


डब्ल्यू.एच.ओ. की मानें तो मौजूदा दौर में अंडों के कारण खतरनाक बीमारियां फैल रही हैं। मिलावटी खाने से पहले ही देश भर में बीमारियों का जाल फैल रहा है। इनमें अधिकांश मात्रा में सब्जियां और फ्रूट हैं। नई कड़ी में अंडा भी इनमें जुड़ गया है। खाने के दूषित होने का मुख्य कारण है सालमोनेला और ई.कोली.। ये दोनों आसानी से डेयरी व पोल्ट्री प्रोडक्ट्स के सहारे हमारे खाने में पहुंच सकते हैं। ये दोनों बैक्टीरिया पानी के सहारे भी हमारे शरीर में पहुंच सकते हैं। ये जीवाणु आम तौर पर वार्म ब्लडेड एनिमल में ही होते हैं, यानी कि डेयरी और पोल्ट्री वाले जानवर में ये आराम से पल-बढ़ सकते हैं। सालमोनेला गाय के दूध में भी आसानी से उग सकते हैं। मुर्गी और बत्तख के बच्चों में भी ये जीवाणु अपना घर बना सकते हैं। कुछ दिन पहले ही हरियाणा के कुछ बच्चों को पेट दर्द होने पर अस्पताल ले जाया गया तो पाया गया कि उनमें अंडों से संक्रमण फैला है।


हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पोल्ट्री फार्मर्स अंतर्राष्ट्रीय स्टैंडर्स के मुताबिक मुर्गीपालन नहीं करते। साफ-सफाई के अभाव के कारण पक्षियों में आसानी से जीवाणु अपना बसेरा बना सकते हैं। बीमार मुर्गियां जो अंडे देती हैं उनके द्वारा भी बैक्टीरिया संक्रमण की संभावनाएं काफी ज्यादा होती हैं। ध्यान देने की बात यह है कि सिर्फ सालमोनेला और ई.कोली. ही अंडों को दूषित नहीं करते, हैवी मैटल कीटनाशकों से भी अंडों के दूषित होने का खतरा बना रहता है। एक शोध में पंजाब में अंडों के सैंपल में ऐसे पैस्टीसाइड्स पाए गए जिनके इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी। अंडों में लैड और कैडमियम जैसे खतरनाक तत्व पाए गए। यह वही लैड है जिसके कारण नैस्ले की मैगी पर बैन लगाया गया था।


यह रखें ध्यान
-अगर हो सके तो ऑर्गैनिक अंडे ही खरीदें। 
-फ्रिज में रखने से पहले अंडों को अच्छे से धो लें। 
-पेपर में रैप कर ही अंडों को फ्रिज में रखें। 
-अंडों को 1 डिग्री सैल्सियस पर ठंडा रखने की कोशिश करें। 
-अंडों को फ्रिज से निकालने के 2-3 घंटों के अंदर ही उनका सेवन कर लें। 
-कच्चे अंडे खाने से बचें, आधे पके या कच्चे अंडे खाने से संक्रमण के आसार बढ़ जाते हैं। 

सरकार चौकस, मांगी गई रिपोर्ट : सेहत मंत्री
वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के बाद पंजाब सरकार भी चौकस हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोङ्क्षहद्रा का कहना है कि सरकार हर तरह की एहतियात बरत रही है। इसको लेकर सभी जिलों के सिविल सर्जन से रिपोर्ट मांगी गई है और लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करने को कहा गया है। स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि मार्कीट में उपलब्ध ऐसे अंडों को खत्म किया जा रहा है। 

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