Edited By Mohit,Updated: 11 May, 2020 05:47 PM
पंजाब के मंत्रियों और नौकरशाही के बीच चल रही खींचातानी पर अब सियासत गर्मा गई है। विरोधी......
चंडीगढ़ः पंजाब के मंत्रियों और नौकरशाही के बीच चल रही खींचातानी पर अब सियासत गर्मा गई है। विरोधी दलों ने इस पर निशाना साधना शुरु कर दिया है। शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने इस मामले की सी.बी.आई. से जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पंजाब में कोरोना से लड़ते-लड़ते मंत्री आपस में ही लड़ने लग पड़े हैं। उन्होंने कहा कि सरकार में ही शराब नाम का वायरस आ गया है। मजीठिया ने कहा कि करण अवतार को प्रमोट करते वक्त तो सरकार ने पहले उसका रवैया क्यों नहीं देखा। कांग्रेस को यही मुख्य सचिव पहले तो काफी अच्छा लगता था। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस कह रही है कि मुख्य सचिव करण अवतार का व्यवहार ठीक नहीं है।
उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरीके से पंजाब में कांग्रेस की सरकार चल रही है, मुझे लगता है कि अब पंजाब में सरकार भी लॉकडाउन पर चली गई है। तू-तू मैं-मैं करके ही मंत्रियों का मुख्य सचिव से विवाद बढ़ा है और कांग्रेस अफसरों के साथ धक्केशाही कर रही है। ऐसा संकट पहले तो कभी भी नहीं देखा गया था। उन्होंने कहा कि 7 दिनों के बीच आखिर ऐसा अवतार सिंह के साथ क्या हो गया कि मंत्रियों और अफसरों के बीच तकरार होने लगी है। मजीठिया का कहना है कि आज कोरोना से लड़ने की जरुरत है लेकिन पंजाब सरकार के मंत्री और अधिकारी आपस में ही उलझ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस विवाद की सी.बी.आई. जांच या फिर चीफ जस्टिस से जांच करवाने की मांग की।
गौरतलब है कि पंजाब के मंत्रियों और नौकरशाही के बीच चलती आ रही खींचातानी किसी से छुपी नहीं है। यह उस समय और भी गंभीर हो गई जब शनिवार को मीटिंग में कुछ मंत्रियों और मुख्य सचिव के बीच बहस हो गई। बात यहां तक बढ़ गई कि कुछ मंत्री मीटिंग को बीच में छोड़ कर चले गए। सूत्रों अनुसार मंत्रियों का कहना है कि मुख्य सचिव का व्यवहार मीटिंग में ठीक नहीं रहा, जिस कारण मीटिंग नहीं हो सकी।