अभिभावकों और विद्यार्थियों को बड़ी राहत, सरकारी स्कूलों में शुरू हुई नई स्कीम

Edited By Kalash,Updated: 03 Apr, 2024 05:21 PM

big relief to parents and students

शहर के सरकारी स्कूलों में बाहरी राज्यों और निजी स्कूलों से आने वाले बच्चे अगर 11वीं कक्षा में दाखिला लेते हैं तो उनके लिए सिर्फ 15  प्रतिशत सीटें आरक्षित होती थी

चंडीगढ़ : शहर के सरकारी स्कूलों में बाहरी राज्यों और निजी स्कूलों से आने वाले बच्चे अगर 11वीं कक्षा में दाखिला लेते हैं तो उनके लिए सिर्फ 15  प्रतिशत सीटें आरक्षित होती थी। अब चंडीगढ़ प्रशासन ने अभिभावकों और बच्चों को इस मुश्किल से बड़ी राहत दी है। बाहरी राज्यों और निजी स्कूलों के बच्चे 9वीं कक्षा में अगर सरकारी स्कूलों में दाखिला लेते हैं तो 11वीं कक्षा में वह सरकारी स्कूल कोटे की 85  प्रतिशत सीटों के लिए योग्य माने जाएंगे। इसके लिए बच्चों को 9वीं कक्षा के लिए प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। यह स्कीम इसी सत्र से शुरू हो गई है। 

31 मार्च को घोषित 8वीं कक्षा के नतीजे के बाद यह प्रणाली 9वीं कक्षा के लिए चल रही दाखिला प्रक्रिया में लागू कर दी गई है। 9वीं कक्षा में दाखिला लेने के लिए बाहरी राज्यों या शहरों के निजी स्कूलों के बच्चों को सबसे पहले नजदीकी स्कूल जाकर अप्लाई करना होगा। बच्चे आस-पास के एक से अधिक स्कूलों में आवेदन दे सकते हैं। इन बच्चों को आवेदन पत्र के साथ आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, चार पासपोर्ट साइज फोटो, आरक्षण प्रमाण पत्र (अगर किसी के पास है तो), स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र, मार्कशीट जमा करवानी होगी। इसके बाद टैस्ट के अधार पर दाखिला दिया जाएगा।      

खाली सीटों पर ही मिलेगी जगह 

स्कूलों में विद्यार्थियों को सिर्फ उन सीटों पर ही दाखिला सुविधा मिलेगी जो खाली है। इसका मतलब है कि अगर कोई विद्यार्थी 8वीं या 9वीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ता है तो यह सुविधा उन सीटों पर ही मिलेगी। फिलहाल सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए उस स्कूल के नजदीक 500 स्कूलों के विद्यार्थियों को पहल दी जाती है। फिर एक किलोमीटर के बाद एक किलोमीटर से अधिक क्षेत्र के बच्चों को प्रवेश के लिए प्राथमिकता दी जाती है। 9वीं कक्षा में प्रवेश के लिए जितने भी बच्चे अप्लाई करेंगे, उन बच्चों के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सामुहिक लिखित परीक्षा ली जाएगी। बच्चों को यह परीक्षा पास करनी होगी, जो 8वीं कक्षा के सिलेबस के आधार पर होगी। पास होने वाले बच्चों को उसके आधार कार्ड के पते के आधार पर दाखिला दिया जाएगा। अगर किसी स्कूल में सीटें खाली है तो उस स्कूल से दूर बच्चो को भी दाखिला दिया जाएगा।  

नई प्रणाली 11वीं में देगी 85 प्रतिशत कोटा 

चंडीगढ़ शहर में हरियाणा, हिमाचल और पंजाब के कई लोग नौकरी के लिए आते हैं पर उनके बच्चों के लिए 11वीं कक्षा की कुल सीटों में सिर्फ 15 फीसदी पर ही दाखिला लेने का विकल्प मिलता है। इस कारण बच्चों को सख्त मुकाबले का सामने करना पड़ता है। अगर ऐसे लोग परीक्षा पास करने के बाद अपने बच्चों को 9वीं कक्षा में दाखिल करवाते है तो 11वीं कक्षा में बच्चे चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों के 85 फीसदी कोटे वाले पूल में माने जाएंगे। दाखिला प्रक्रिया सारे स्कूलों में एक जैसी होगी। माता-पिता को स्कूल जा कर अप्लाई करना होगा। किसी भी स्कूल में सीटें खाली नहीं रहने दी जाएगी। सीटों की उपलब्धता के आधार पर विद्यार्थियों को दाखिला दिया जाएगा।    

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