Edited By Vatika,Updated: 27 Feb, 2025 01:31 PM

अनावश्यक खर्चों को रोकने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
चंडीगढ़ : नगर निगम की वित्तीय हालत सुधारने और फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने के लिए नगर निगम अधिकारियों ने योजना तैयार की है। इसके तहत नगर निगम जल्द ही प्रशासन को एक रिपोर्ट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट, जिसमें नगर निगम का पैसा कहां और कैसे खर्च हो रहा है, अनावश्यक खर्चों की पहचान और कटौती की संभावनाओं का ब्यौरा होगा। निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं हैं। साथ ही भविष्य में वित्तीय संकट से बचने के लिए अनावश्यक खर्चों को रोकने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार नगर निगम अधिकारियों ने आउटसोर्स कर्मचारियों की पूरी सूची और उनकी तैनाती का ब्योरा मांगा है। यह कदम वित्तीय संकट को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इससे पता चला है कि आउटसोर्स कर्मचारी वास्तव में कहां और किसके लिए काम कर रहे हैं। इसके साथ ही इस बात की भी जांच की जा रही है कि नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने रिश्तेदारों को नौकरी तो नहीं दिलावाई है।
आपको बता दें कि नगर निगम को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई आउटसोसोर्स कर्मचारी सिर्फ कागजों पर ही निगम के लिए काम कर रहे हैं, वे राजनीतिक नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के निजी मामलों में लगे हुए हैं। वित्तीय संकट और खर्चों के बीच नगर निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं, फिर भी आउटसोर्सिंग बढ़ाई जा रही है। जनवरी माह के वेतन पर 33 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जबकि फरवरी और मार्च माह के वेतन व अन्य खर्चों के लिए 170 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी।