Edited By Vatika,Updated: 24 Jan, 2025 02:40 PM
ये शब्द सहायक जिला ट्रांसपोर्ट अफसर प्रदीप सिंह ने बाल सुरक्षा और शिक्षा विभाग
फतेहगढ़, साहिब: दिनों दिन बढ़ रहे सड़की हादसों को रोकना आज के समय की मुख्य जरूरत है, इसलिए समूह नागरिकों का यह फर्ज बनता है कि वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियमों की पालना यकीनी बनाई जाए, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में बेकार जातीं मानवीय जानों को बचाया जा सके। ये शब्द सहायक जिला ट्रांसपोर्ट अफसर प्रदीप सिंह ने बाल सुरक्षा और शिक्षा विभाग के सहयोग से डी.सी. दफ्तर नजदीक वाहनों की चैकिंग करने मौके किया।
उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार के निर्देशों अनुसार जनवरी को सड़क सुरक्षा माह के तौर पर मनाया जा रहा है, जिस अधीन विभिन्न जागरूकता गतिविधियां भी करवाई जा रही हैं। ए.डी.टी.ओ. प्रदीप सिंह ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर डॉ. सोना थिंद के आदेशों अनुसार आज सड़क सुरक्षा और सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी अधीन स्कूल बसों और अन्य वाहनों की चैकिंग की गई है। इस मौके 14 स्कूल बसों में से सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी का उल्लंघन करने पर 6 बसों के चालान किए गए जबकि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले 16 दूसरे वाहनों के चालान भी किए गए। इस तरह की चैकिंग इसी तरह निरंतर जारी रहेगी।
इस मौके जिला बाल सुरक्षा अफसर हरभजन सिंह महिमी ने कहा कि स्कूली बच्चों को सुरक्षित यातायात की सुविधा उपलब्ध करवाने के मंतव्य से सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी लागू की गई है, जिसके अंतर्गत जो कोई स्कूल बसों में लड़कियां सफर करती हैं, उनमें महिला अटैंडंट होना अनिवार्य है। इसके अलावा स्कूल बसें में सी.सी.टी.वी. कैमरे, फस्ट एड बॉक्स और स्पीड गवर्नस लगाने अति आवश्यक हैं। बाल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि बच्चों के माता-पिता उनको छोटी उम्र में वाहन चलाने की आज्ञा न दें और जो कोई स्कूली बसों में बच्चे सफर कर रहे हैं, वह सेफ स्कूल वाहन पॅालिसी मुताबिक नियमों को पूरा करती हों।