Edited By Vatika,Updated: 07 Dec, 2018 01:42 PM
आमजन की तरह जब विरोधियों की ओर से कानूनी लड़ाई में राजनीतिज्ञ उलझ जाते हैं तो उन्हें भी बहुत दु:ख झेलना पड़ता है। इसके अलावा गैर-जिम्मेदार मीडिया ट्रायल उनकी तकलीफों को और बढ़ा देता है। |
चंडीगढ़ (अश्वनी) : आमजन की तरह जब विरोधियों की ओर से कानूनी लड़ाई में राजनीतिज्ञ उलझ जाते हैं तो उन्हें भी बहुत दु:ख झेलना पड़ता है। इसके अलावा गैर-जिम्मेदार मीडिया ट्रायल उनकी तकलीफों को और बढ़ा देता है। |
यह टिप्पणी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने अपनी बेटी के केस में बरी होने पर की है। उन्होंने कहा वह अपनी बेटी की मौत के बाद 18 वर्ष संताप भोग चुकी हैं। सी.बी.आई. अदालत की ओर से उनको दी गई 5 वर्ष की सजा को रद्द करके आखिरकार हाईकोर्ट ने उनको राहत दी है और बेकसूर घोषित किया है।जागीर कौर ने कहा कि तकलीफ सिर्फ सी.बी.आई. कोर्ट और फिर हाईकोर्ट की पेशियों तक सीमित नहीं थी, बल्कि मीडिया की ओर से किए जा रहे एक तरफा ट्रायल से भी उनको संताप झेलना पड़ा था, जोकि फिजूल की अटकलों के जरिए रोजाना फैसले सुनाता था और उनको बिना किसी सबूत के आरोपी घोषित कर रहा था।
जागीर कौर ने कहा कि उस दौरान इस भावनात्मक अत्याचार ने उनके राजनीतिक करियर को तबाह कर दिया था। उनको चुनाव लडऩे से रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि अब चाहे अदालत ने उनको निर्दोष घोषित किया है परंतु समय को विपरीत नहीं घुमाया जा सकता। उस समय उनके दरवाजे पर जो मौके दस्तक दे रहे थे, वह वापस नहीं आ सकते।जागीर कौर ने इंसाफ के लिए हाईकोर्ट के जजों का धन्यवाद किया। जागीर कौर का कहना है कि 18 वर्षों के संकट भरे समय की परछाई अपने भविष्य पर नहीं पडऩे देना चाहती। वह नए जोश और दृढ़ निश्चय के साथ राजनीति में वापसी करेंगी और पंजाब की राजनीति में एक सकारात्मक तथा अच्छी भूमिका निभाएंगी।