Edited By Updated: 22 Mar, 2017 10:00 AM
कोई समय था जब पुलिस का नाम सुनते ही लोगों में खौफ की लहर दौड़ जाती थी और लोग पुलिस कर्मी को देखकर घबरा जाते थे परन्तु अब हालात ऐसे
भटिंडा (पायल): कोई समय था जब पुलिस का नाम सुनते ही लोगों में खौफ की लहर दौड़ जाती थी और लोग पुलिस कर्मी को देखकर घबरा जाते थे परन्तु अब हालात ऐसे नहीं रहे हैं। सीनियर सुपरिंटैंडैंट पुलिस स्वप्न शर्मा के प्रयासों से ‘खाकी’ के मायने बदल गए हैं। आज भटिंडा पुलिस ड्यूटी के साथ-साथ समाज सेवा के क्षेत्र में भी जुटी हुई है, जिसे देखकर लोग पुलिस को सलाम कर उठते हैं।
घायलों को दे रही प्राथमिक सहायता
जिले में तैनात पी.सी.आर. के समूह कर्मी न सिर्फ अपनी ड्यूटी समर्पण से निभा रहे हैं, बल्कि साथ ही समाज सेवी गतिविधियों में भी सेवाएं दे रहे हैं। इन दिनों महानगर में रोजाना ही पी.सी.आर. कर्मियों के सेवा कार्य देखने को मिल रहे हैं। कुछ मामलों में पी.सी.आर. कर्मी सड़क हादसों के घायलों को प्राथमिक सहायता दे रहे हैं, जबकि कई मामलों में पी.सी.आर. कर्मी बेसहारा मानसिक रोगियों को स्नान करवा रहे हैं। गरीब बच्चों या बेसहारा लोगों को खाना खिलाने, बूढ़े लोगों को सड़क पार करवाने, सुनसान रास्तों पर अकेली जा रही युवतियों व महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने में भी पी.सी.आर. पीछे नहीं है।
सेवा करना हमारी जिम्मेदारी: अशोक कुमार
सुबह एक हादसे में घायल हुए व्यक्ति के मरहम पट्टी करते पी.सी.आर.-2 के कर्मी अशोक कुमार, दलबीर सिंह व कुलदीप ने बताया कि सेवा करना उनकी जिम्मेदारी है। उच्चाधिकारी भी निरंतर पुलिस कर्मियों को आम जनता की सेवा हेतु प्रेरित करते रहते हैं, जबकि इंसानियत के नाते भी लोक सेवा करना प्रत्येक व्यक्ति का फर्ज बनता है।